चेन्नई, 7 अगस्त: डीएमके एम करुणानिधि का मंगलवार शाम 94 साल की उम्र में निधन हो गया। चेन्नई स्थित कावेरी अस्पताल ने 6.40 बजे मेडिकल रिलीज जारी करके ये सूचना दी। अस्पताल के रिलीज के अनुसार करुणानिधि का निधन शाम 6.10 बजे हुआ। करुणानिधि खराब स्वास्थ्य के कारण 28 जुलाई से ही अस्पताल में भर्ती थे। तमिलनाडु सरकार ने बुधवार (आठ अगस्त) को राज्य में राजकीय अवकाश की घोषणा की है। करुणानिधि के निधन पर तमिलनाडु में सात दिन के राजकीय शोक की भी घोषणा की गई है।
करुणानिधि के दफनाने के जगह को लेकर अभी से ही विवाद खड़ा हो गया है। द्रमुक के आग्रह को तमिलनाडु सरकार ने मरीना बीच जगह देने से इनकार कर दिया है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री सी राजगोपालाचारी ने करुणानिधि को दफनाने के लिए दो एकड़ जगह की पेशकश की है। जिसके बाद मदास हाईकोर्ट आज रात 10:30 बजे मरीना बीच पर करुणानिधि की समाधि बनाने पर सुनवाई करने को तैयार है।
- मंगलवार को ही करुणानिधि का शव कावेरी अस्पताल से गोपालपुरम स्थित घर ले जाया गया। इसी बीच डीएमके कार्यकर्ताओं ने मरीना बीच में करुणानिधि स्मारक के लिए भूमि से इंकार करने पर राज्य सरकार के विरूद्ध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अस्पताल के बाहर करुणानिधि समर्थकों के बढ़ते हंगामे को देखर पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया।
करुणानिधि के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ़िल्म स्टार और राजनेता रजनीकांत ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, "कलाईनार करुणानिधि के निधन से गहरा दुख हुआ। वो भारत के सबसे वरिष्ठ नेताओं में एक थे। हमने गहरी पकड़ वाला एक जननेता, गंभीर विचारक, प्रखर लेखक और शीर्षपुरुष खो दिया है। उनका जीवन गरीबों और वंचितों के कल्याण के लिए समर्पित था।"
अभिनेता और राजनेता रजनीकांत ने शोक जताते हुए कहा, "आज का दिन मेरे जीवन का काला दिन है। मैंने अपना कलाईनार खो दिया। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ।" करुणानिधि का जन्म 3 जून 1924 को नागपट्टिनम के तिरुक्कुभलइ में हु था। वह पटकथा लेखक रहे थे, लेकिन जैसे जैसे वक्त बीता उनका फिल्मों से मोह हट गया। फिर उन्होंने राजनीति में अपने करियर की एक नई शुरुआत की थी।
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