तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि होंगे नए डिप्टी सीएम, आज लेंगे शपथ; तमिलनाडु कैबिनेट में बड़ा फेरबदल
By अंजली चौहान | Updated: September 29, 2024 07:06 IST2024-09-29T07:04:00+5:302024-09-29T07:06:18+5:30
Tamil Nadu: शपथ ग्रहण समारोह 29 सितंबर को दोपहर 3.30 बजे चेन्नई के राजभवन में होगा।

तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि होंगे नए डिप्टी सीएम, आज लेंगे शपथ; तमिलनाडु कैबिनेट में बड़ा फेरबदल
Tamil Nadu: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन ने अपनी कैबिनेट में बड़ा बदलाव करते हुए अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी सीएम घोषित किया है। उदयनिधि स्टालिन रविवार, 29 सितंबर को तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
सीएम एमके स्टालिन के बतौर सीएम रहते ही अपने बेटे को डिप्टी सीएम की कुर्सी देने के कारण अब राजनीति गलियारों में हलचल बढ़ गई है। विपक्षी पार्टियों ने इसे परिवारवाद की राजनीति करार देते हुए स्टालिन पर करारा तंज कसा है।
तमिलनाडु में विपक्ष में रह रही पार्टी बीजेपी के उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति का कहना है, ''उदयनिधि स्टालिन में इतनी परिपक्वता नहीं है कि वह न केवल उपमुख्यमंत्री बल्कि मंत्री भी बन सकें.. वह उपमुख्यमंत्री कैसे बन सकते हैं मंत्री जी? शर्म आनी चाहिए तमिलनाडु सरकार को।''
#WATCH | On Udhayanidhi Stalin being made the Deputy CM of Tamil Nadu, Tamil Nadu BJP Vice President Narayanan Thirupathy says, "Udhayanidhi Stalin does not have enough maturity to become not only the Deputy Chief Minister but also a minister.. How can he become the Deputy Chief… pic.twitter.com/uLZ6b57AWR
— ANI (@ANI) September 29, 2024
वहीं, बीजेपी नेता तमिलिसाई साउंडराजन ने कहा, "वे तमिलनाडु के लोगों और गठबंधन सहयोगियों को प्रभावित और भड़का रहे हैं। उन्होंने डीएमके की सालगिरह मनाई और उन्होंने अपने नेताओं पर दबाव डाला कि उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। डिप्टी सीएम... मैं पूछना चाहता हूं कि ये लोकतंत्र है या वंशवाद... ये गलत उदाहरण है, तमिलनाडु की राजनीति में ये अच्छी बात नहीं है।"
#WATCH | On Udhayanidhi Stalin being made the Deputy CM of Tamil Nadu, BJP leader Tamilisai Soundararajan says, "They are influencing and instigating the people of Tamil Nadu and the alliance partners. They celebrated the DMK anniversary and they forced their leaders that… pic.twitter.com/48UaGJNQ4K
— ANI (@ANI) September 28, 2024
वहीं, सीएम स्टालिन ने न केवल उदयनिधि को डिप्टी सीएम बनाया है बल्कि दो दिन पहले जमानत पर जेल से रिहा हुए सेंथिलबालाजी भी मंत्रिमंडल में वापस आने वाले हैं। मुख्यमंत्री ने तीन मंत्रियों - मनो थंगराज (दूध और डेयरी विकास), गिंगी के एस मस्थान (अल्पसंख्यक कल्याण) और के रामचंद्रन (पर्यटन) को भी हटा दिया है।
शनिवार देर रात राजभवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उदयनिधि स्टालिन को उनके मौजूदा विभागों के अलावा योजना और विकास विभाग आवंटित करने और उन्हें उपमुख्यमंत्री नामित करने की सिफारिश की गई है।
गौरतलब है कि शपथ ग्रहण रविवार, 29 सितंबर को दोपहर 3.30 बजे बजे चेन्नई के राजभवन में होगा। विज्ञप्ति में कहा गया है, "राज्यपाल ने दूध और डेयरी विकास मंत्री थिरु टी. मनो थंगराज, अल्पसंख्यक कल्याण और अनिवासी तमिल कल्याण मंत्री थिरु गिंगी के.एस. मस्थान और पर्यटन मंत्री थिरु के. रामचंद्रन को मंत्रिपरिषद से हटाने की मुख्यमंत्री की सिफारिश को भी मंजूरी दे दी है।"
अभिनेता-निर्माता से पहली बार विधायक बने उदयनिधि राजनीति में देर से आए, लेकिन डीएमके के भीतर उनका उदय उनके पिता के विपरीत नाटकीय रहा, जिन्हें अपने शानदार पिता एम करुणानिधि की छत्रछाया में इंतजार करना पड़ा। उदयनिधि को सरकार में अपना डिप्टी बनाकर स्टालिन ने इस बारे में कोई संदेह नहीं छोड़ा है कि भविष्य में डीएमके संगठन की बागडोर किसके हाथ में होगी।
स्टालिन की सौतेली बहन कनिमोझी को हाल ही में डीएमके संसदीय दल का नेता नियुक्त किया गया, जिससे संकेत मिलता है कि वह नई दिल्ली में पार्टी का चेहरा होंगी।
मालूम हो कि उदयनिधि, जिन्हें दिसंबर 2022 में खेल और युवा विकास मंत्री नियुक्त किया गया और विशेष परियोजना कार्यान्वयन पोर्टफोलियो भी दिया गया, राजनीति में बहुत तेजी से आगे बढ़े हैं। उन्होंने पहली बार 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी के लिए प्रचार किया था।
इसके बाद, उन्हें डीएमके युवा विंग का नेता नियुक्त किया गया, एक ऐसा पद जो उनके पिता ने पहले संभाला था। स्टालिन के विपरीत, जिन्हें वाइको (अब एमडीएमके संस्थापक) जैसे डीएमके के दूसरे पंक्ति के नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा था, इससे पहले कि करुणानिधि द्वारा पार्टी और सरकार में उन्हें धीरे-धीरे ऊपर उठाया गया, उदयनिधि को किसी भी तरह का कोई विरोध नहीं मिला।
दरअसल, महासचिव दुरईमुरुगन सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता, जिनका राजनीतिक प्रवेश स्टालिन से पहले हुआ था, ने खुले तौर पर कहा है कि उन्हें भविष्य में उदयनिधि के अधीन काम करने में कोई दिक्कत नहीं है।
जबकि पहले जब उदयनिधि के उत्थान के बारे में अटकलें लगाई जा रही थीं, स्टालिन ने इसे खारिज कर दिया था, हाल ही में अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा के बाद, मुख्यमंत्री ने भविष्य में अपने बेटे को बागडोर संभालने के लिए जमीन तैयार करने का फैसला किया है।