केंद्र की ऑक्सीजन वितरण नीति में बदलाव के कारण कोविड की दूसरी लहर के दौरान आपदा आई : सिसोदिया

By भाषा | Published: July 21, 2021 03:10 PM2021-07-21T15:10:59+5:302021-07-21T15:10:59+5:30

Disaster occurred during second wave of Kovid due to change in Centre's oxygen distribution policy: Sisodia | केंद्र की ऑक्सीजन वितरण नीति में बदलाव के कारण कोविड की दूसरी लहर के दौरान आपदा आई : सिसोदिया

केंद्र की ऑक्सीजन वितरण नीति में बदलाव के कारण कोविड की दूसरी लहर के दौरान आपदा आई : सिसोदिया

नयी दिल्ली, 21 जुलाई दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि अगर केंद्र दिल्ली सरकार को एक समिति गठित करने की अनुमति देता है तो शहर में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई सभी मौतों की जांच की जाएगी।

उन्होंने केंद्र पर “अपनी गलती छिपाने” की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि उसके “कुप्रबंधन” तथा 13 अप्रैल के बाद ऑक्सीजन वितरण नीति में किए गए बदलाव से देशभर के अस्पतालों में जीवनरक्षक गैस की कमी हुई जिससे “आपदा” आई।

ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में, सिसोदिया ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दिल्ली में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई मौतों की जांच के लिए समिति गठित करने की अनुमति नहीं देने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने बेशरमी से संसद में सफेद झूठ बोला है। 15 अप्रैल के बाद से पांच मई तक ऑक्सीजन की कमी के कारण अफरा-तफरी मची हुई थी और इसमें कोई बड़ी बात नहीं कि ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हुई।”

आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जिम्मेदारी लेते हुए ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई सभी मौतों की जांच के लिए कमिटी गठित करने की कोशिश की लेकिन केंद्र ने उपराज्यपाल के माध्यम से इसे रोक दिया।

उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने “अपने कुप्रंबधन के खुल जाने के डर से” समिति के गठन को अनुमति नहीं दी।

सिसोदिया ने कहा कि अगर केंद्र उसे समिति गठित करने की अनुमति दे तो केजरीवाल सरकार ऑक्सीजन की कमी से हुई प्रत्येक मौत की स्वतंत्र जांच के लिए अब भी तैयार है।

केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया था कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किसी की भी मौत ऑक्सीजन की कमी से होने की जानकारी नहीं दी गई। उसने कहा कि लेकिन दूसरी लहर के दौरान चिकित्सीय ऑक्सीजन की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई और यह पहली लहर में 3,095 मीट्रिक टन की तुलना में करीब 9,000 मीट्रिक टन पर पहुंच गई थी जिसके बाद राज्यों के बीच बराबर वितरण के लिए केंद्र को बीच में आना पड़ा था।

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Web Title: Disaster occurred during second wave of Kovid due to change in Centre's oxygen distribution policy: Sisodia

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