अब दिव्यांग यात्रियों को ले जाने से इनकार नहीं कर सकतीं एयरलाइन कंपनियां, इस संबंध में DGCA ने जारी किए नए मानदंड
By रुस्तम राणा | Published: June 3, 2022 10:02 PM2022-06-03T22:02:32+5:302022-06-03T22:04:27+5:30
डीजीसीए द्वारा शुक्रवार को जारी नियमों में कहा गया है कि एयरलाइन विकलांगता के आधार पर किसी भी व्यक्ति को ले जाने से मना नहीं करेगी।
नई दिल्ली: डीजीसीए (DGCA) ने शुक्रवार को दिव्यांग यात्रियों को प्लेन में बोर्डिंग (जहाज में चढ़ने) के लिए नए मानदंडों को जारी किया है, जिसके तहत एयरलाइन कंपनियां अब किसी भी दिव्यांग यात्रियों को ले जाने से इनकार नहीं कर सकती है।
बोर्डिंग से इनकार करना अवैध घोषित किया गया है। दरअसल, डीजीसीए का यह फैसला एक ऐसे केस के बाद आया है जिसके तहत एक दिव्यांग बच्चे को इंडिगो की उड़ान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई थी। नियामक ने इसके लिए कंपनी पर 5 लाख का जुर्माना लगाया था।
डीजीसीए द्वारा शुक्रवार को जारी नियमों में कहा गया है कि एयरलाइन विकलांगता के आधार पर किसी भी व्यक्ति को ले जाने से मना नहीं करेगी। अगर किसी एयरलाइन को लगता है कि ऐसे यात्री का स्वास्थ्य उड़ान के दौरान खराब हो सकता है, तो उस यात्री की एक डॉक्टर द्वारा जांच की जानी चाहिए। डॉक्टर बताएगा कि यात्री उड़ान भरने के लिए फिट है या नहीं। चिकित्सा रिपोर्ट के बाद एयरलाइन इस संबंध में उचित निर्णय लेगी।
नियामक ने जनता से 2 जुलाई तक मसौदा नियमों के बारे में अपनी टिप्पणी भेजने को कहा है, जिसके बाद वह अंतिम नियम जारी करेगा। बता दें कि बीती 7 मई की घटना के दौरान, इंडिगो ने दावा किया कि बच्चा "दहशत में दिख रहा था" और इसलिए उसे रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने की अनुमति से वंचित कर दिया गया था।
इंडिगो ने उस समय कहा, "हवाई अड्डे के कर्मचारी, सुरक्षा दिशानिर्देशों के अनुरूप, एक कठिन निर्णय लेने के लिए मजबूर थे कि क्या यह हंगामा विमान में आगे बढ़ेगा," यह कहते हुए कि उसके ग्राउंड स्टाफ ने आखिरी मिनट तक बच्चे के शांत होने का इंतजार किया।
इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने 9 मई को इस घटना पर खेद व्यक्त किया था और विशेष रूप से दिव्यांग बच्चे के लिए एक इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर खरीदने की पेशकश की थी। दत्ता ने कहा था कि एयरलाइन के कर्मचारियों ने कठिन परिस्थितियों में सर्वोत्तम संभव निर्णय लिया।