देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, "महाविकास अघाड़ी सरकार में फैले भ्रष्टाचार के कारण कई बड़े प्रोजेक्टस राज्य के बाहर गये, हमारे कारण नहीं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 31, 2022 07:13 PM2022-10-31T19:13:50+5:302022-10-31T19:18:31+5:30
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने महाराष्ट्र से बाहर जा रहे औद्योगिक प्रोजेक्ट्स के लिए महाविकास अघाड़ी सरकार को दोषी ठहराया है।
मुंबई:महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने सूबे से बाहर जा रहे औद्योगिक प्रोजेक्ट्स का ठीकरा पूर्ववर्ती सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार के भ्रष्ट शासन के कारण सूबे को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। डिप्टी सीएम फड़नवीस ने कहा कि जब से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना-भाजपा सरकार बनी है, ये अफवाह फैलाई गई है कि बड़े प्रोजेक्ट्स दूसरे प्रदेशों में जा रहे हैं लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है।
फड़नवीस ने कहा कि हम इस बात को अच्छे से समझ रहे हैं कि कौन हमारे खिलाफ इस तरह की साजिश कर रहा है लेकिन जो लोग हमारे खिलाफ ऐसा कर रहे हैं, वही इन सबके पीछे जिम्मेदार हैं। इस संबंध में प्रेस से बात करते हुए देवेंद्र फड़नीस ने कहा, "यह पूरी तरह से झूठी बात बनाई जा रही है कि जब से हमारी सरकार के सत्ता में आई है, महाराष्ट्र से बड़े-बड़े प्रोजेक्ट जा रहे हैं। यह बिल्कुल भी सच नहीं है। इस तरह की जितनी भी परियोजनाओं का नुकसान हुआ है, उसके लिए सीधे तौर पर पिछली (महा विकास अघाड़ी) सरकार को दोषी ठहराया जाना है।"
A false narrative is being created that after our government came to power, big projects are going out of Maharashtra. It's not true. The previous (Maha Vikas Aghadi) government is to be blamed for the loss of projects: Maharashtra Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis (1/3) pic.twitter.com/J2fWSKcfNu
— ANI (@ANI) October 31, 2022
इसके साथ ही फड़नवीस ने टाटा एयरबस के गुजरात जाने के मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा, "टाटा टाटा एयरबस सौदे के लिए 2021 की शुरुआत से ही गुजरात की ओर देख रही थी। टाटा ने महा विकास अघाड़ी को एक साल पहले ही जानकारी दी थी कि यह सौदा गुजरात में पहले ही जा चुका है। दरअसल महाविकास अघाड़ी के शासनकाल में इतने ज्यादा भ्रष्टाचार हुए थे कि यहां पर कोई उद्योग आना ही नहीं चाहता था।"
डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने भविष्य में इस तरह की चुनौतियों से निपटने के मामले में कहा, "अगले 2 सालों में हम निवेश के मामले में महाराष्ट्र को देश का नंबर वन स्टेट बना देंगे। मेगा रिफाइनरी परियोजना महाराष्ट्र में ही रहेगी। इसके साथ ही मैं यह भी बता दूं कि केंद्र ने सबसे ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स महाराष्ट्र को ही दिए हैं और हमने भी महाराष्ट्र में 25,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है।"
In next 2 years, we'll make Maharashtra no. one in terms of investment. The mega refinery project will continue in Maharashtra. The center has given the maximum amount of infrastructure projects to Maharashtra. We've planned to invest Rs 25,000 crores in Maharashtra: Dy CM (3/3) pic.twitter.com/vMJOHj8WO8
— ANI (@ANI) October 31, 2022
मालूम हो कि बीते 27 अक्टूबर को टाटा और एयरबस ने ऐलान किया था कि वह मिलकर गुजरात में 22 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इस संबंध में टाटा की ओर से बताया कि वो एयरबस के सहयोग से गुजरात में सेना के लिए परिवहन विमान का निर्माण करेंगे। इस संबंध में देश के रक्षा सचिव डॉक्टर अजय कुमार ने कहा था कि देश का यह ऐसा पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें प्राइवेट कंपनी को सेना के लिए विमान बनाने की इजाजत दी गई है।
जानकारी के मुताबित इसके लिए टाटा-एयरबस की ओर से महाराष्ट्र सरकार से भी बात की जा रही थी लेकिन अंततः यह सौदा गुजरात के हाथों लगा और वेदांता-फॉक्सकॉन की सेमीकंडक्टर बनाने के प्रोजेक्ट की यह भी महाराष्ट्र के हाथों से निकल गया।
बीते 14 सितंबर को जब वेदांता-फॉक्सकॉन ने इस औद्योगिक परियोजना के लिए गुजरात सरकार के साथ एमओयू पर साइन किया तो उस समय भी महाराष्ट्र में काफी बवाल हुआ था और विपक्ष की महाविकास अघाड़ी ने इसके लिए शिदे सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने केंद्र के इशारे पर करीब 1,54,000 करोड़ रुपये के निवेश को महाराष्ट्र के गुजरात जाने दिया है।