देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, 'यूक्रेन में भारतीय छात्रों ने एडवाइजरी को हल्के में लिया, इस कारण वहां फंस गये हैं'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 2, 2022 06:36 PM2022-03-02T18:36:42+5:302022-03-02T18:59:05+5:30

भारतीय छात्रों के युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंस जाने को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि यूक्रेन युद्ध संकट में फंसे भारतीय छात्रों ने स्थिति की गंभीरता को समझा, जिसके कारण वह आज भी वहां पर भारत सरकार की सहायता का इंतजार कर रहे हैं।

Devendra Fadnavis said, Indian students in Ukraine took the advisory lightly, due to which they are stuck there | देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, 'यूक्रेन में भारतीय छात्रों ने एडवाइजरी को हल्के में लिया, इस कारण वहां फंस गये हैं'

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस

Highlightsदेवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि छात्रों ने यूक्रेन से निकलने में समय का गलत अनुमान लगायासरकार ने रूसी हमले से पहले छात्रों को यूक्रेन से निकल जाने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी थीविदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि एडवाइजरी के बाद भी छात्रों ने यूनिवर्सिटी नहीं छोड़ा

मुंबई: रूस-यूक्रेन युद्ध के सातवें दिन अब भी हजारों भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं, जिनके स्वदेश वापसी के लिए नरेंद्र मोदी सरकार दिन-रात जुटी हुई है।

वहीं बुधवार को भारतीय छात्रों के युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंस जाने को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने एक गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करते हुए कहा कि यूक्रेन युद्ध संकट में फंसे भारतीय छात्र स्थिति की गंभीरता को समझ नहीं पाये, जिसके कारण वह आज भी वहां भारत सरकार की सहायता का इंतजार कर रहे हैं।

इससे पहले भाजपा के एक और वरिष्ठ नेता प्रह्लाद जोशी ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के विषय में विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले 90 फीसदी भारतीय छात्र भारत में योग्यता परीक्षा पास करने में विफल रहते हैं।

प्रह्लाद जोशी के बयान पर अभी गमासान मच ही रहा था कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने यूक्रेन हालात का दोष वहां फंसे भारतीय छात्रों पर डालकर एक नया विवाद भाजपा के खाते में जोड़ दिया है।

देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि छात्रों ने यूक्रेन से निकलने में समय का गलत अनुमान लगाया। जिसके कारण वो वहां पर फंस गये हैं। जबकि केंद्र सरकार ने रूसी हमले से पहले उनके लिए वहां से निकल जाने के विषय में एडवाइजरी जारी कर दी थी।

देवेंद्र फड़नवीस ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने में भारत सरकार की ओर से देरी हुई है।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "भारत सरकार ने यूक्रेन के कुछ शहरों पर हमले से भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की थी। हालांकि भारतीय छात्रों ने स्थिति की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगाया होगा, इस कारण वो युद्ध क्षेत्र में फंस गये।"

इस मामले में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने उन आरोपों को गलत बताया है, जिसमें भारत सरकार पर यूक्रेन में फंसे अपने छात्रों की निकासी शुरू करने में देर की बात की जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय छात्र हमारे एडवाइजरी के बाद भी यूनिवर्सिटी नहीं छोड़ना चाहते थे क्योंकि वह ऑनलाइन कक्षाओं के लिए तैयार नहीं थे।

मालूम हो कि यूक्रेन में इस समय लगभग 15 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। भारत से जाने वाले सभी छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाते हैं क्योंकि भारत के मुकाबले यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कई गुना सस्ती है। जानकारी के मुताबिक यूक्रेन में लगभग 25 से 30 लाख रुपये में मेडिकल शिक्षा मिल जाती है और भारत सरकार की ओर से यूक्रेन की कई यूनिवर्सिटी को मेडिकल की पढ़ाई के लिए मान्यता भी मिल हुई है।

वहीं भारत के प्राइवेट कॉलेजों में मेडिकल की पढ़ाई का खर्च एक से डेढ़ करोड़ रुपये में होती है। ऐसे में भारत के निम्न मध्यम वर्ग आय के परिवार वालों को यूक्रेन में अपने बच्चों को पढ़ाने में सहूलियत मिलती है।

वहीं अगर यूक्रेन-रूस युद्ध के मौजूदा हालात की बात करें तो राजधानी कीव के बाहर रूसी सैनिकों का 64 किलोमीटर लंबा काफिला कीव के बाहर कब्जा जमाए हुए है। इसके साथ ही रूसी सेना दक्षिण-पूर्व से भी यूक्रेन की ओर बढ़ रहा है। रूसी पुतिन ने यूक्रेन के सैनिकों को कीव छोड़ने या फिर मरने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।

राजधानी कीव में युद्ध की चरम स्थिति को देखते हुए यूक्रेन स्थिच भारतीय दूतावास ने खारकीव में अपने छात्रों को किसी भी हालत में फौरन शहर खाली कर देने का आदेश जारी किया है।

भारतीय दूतावास की ओर से कहा गया है कि भारतीय छात्र खारकीव से निकलकर किसी भी सुरक्षित स्थान की ओर चले जाएं। वहीं रूस-यूक्रेन के बीच बेलारूस में आज शांति वार्ता के दूसरे चरण की बैठक होनी है। 

Web Title: Devendra Fadnavis said, Indian students in Ukraine took the advisory lightly, due to which they are stuck there

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