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देवेंद्र फड़नवीस के खिलाफ चुनावी हलफनामा मामले में कोर्ट अगली सुनवाई चार जनवरी को करेगा

By भाषा | Updated: December 4, 2019 19:08 IST

देवेंद्र फड़नवीस के अधिवक्ता उदय डाबले ने मजिस्ट्रेट अदालत से इस मामले में भाजपा नेता को व्यक्तिगत पेशी से छूट की इजाजत देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि फड़नवीस कुछ ‘‘अनिवार्य कार्य’’ के चलते अदालत में पेश नहीं हो पाए।

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नागपुर की एक अदालत ने बुधवार को उस मामले की सुनवाई की अगली तिथि चार जनवरी 2020 तय की जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर आरोप है कि उन्होंने एक चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ दो आपराधिक मामलों की जानकारी छुपायी है। फड़नवीस ने मामले में अदालत के समक्ष पेशी से छूट मांगी है। दोनों ओर से दलीलें सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एस डी मेहता ने अगली सुनवायी की तिथि चार जनवरी तय की। 

इससे पहले फड़नवीस के अधिवक्ता उदय डाबले ने मजिस्ट्रेट अदालत से इस मामले में भाजपा नेता को व्यक्तिगत पेशी से छूट की इजाजत देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि फड़नवीस कुछ ‘‘अनिवार्य कार्य’’ के चलते अदालत में पेश नहीं हो पाए। अधिवक्ता ने कहा कि फडणवीस की मंशा मुकदमे की सुनवाई अथवा कार्यवाही विलंबित करना नहीं है। 

डाबले ने कहा, ‘‘वह कुछ जरूरी काम के चलते आज उपलब्ध नहीं हैं। उनकी पहचान को लेकर कोई विवाद नहीं है और उनका उनके वकील द्वारा उचित तरीके से प्रतिनिधित्व किया गया है तथा उनकी अनुपस्थिति से अदालत की कार्यवाही बाधित नहीं होगी।’’ 

हालांकि, स्थानीय अधिवक्ता सतीश उके ने अदालत से आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने को कहा। उके ने ही अदालत में अर्जी दायर करके अनुरोध किया था कि फड़नवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि फडणवीस अदालत में पेश नहीं हुए क्योंकि उन्होंने बुधवार को पेशी से छूट मांगने का ‘‘फैसला पहले कर लिया था।’’ 

उके ने चार नवंबर को एक राष्ट्रीय दैनिक अखबार में प्रकाशित एक खबर का हवाला दिया जिसमें फड़नवीस के अधिवक्ता ने कहा था कि भाजपा नेता को तारीख पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने की जरूरत नहीं है और वह इसके लिए अतिरिक्त समय मांग सकते हैं। उके ने फड़नवीस के अधिवक्ता के हवाले से कहा कि यद्यपि बाद में जो भी तारीख तय होती है उस पर उन्हें स्वयं अदालत आना होगा और स्वयं के लिए जमानत मांगनी होगी। 

याचिकाकर्ता ने कहा कि फड़नवीस को निजी तौर पर या उनके वकील के जरिये अदालत में पेश होना था। उके ने कहा कि यद्यपि उनके अधिवक्ता डाबले अदालत में फड़नवीस के वकालतनामा या भाजपा नेता के हस्ताक्षर वाले किसी दस्तावेज के बिना ही पेश हुए। फडणवीस नागपुर से विधायक हैं। 

एक नवम्बर को मजिस्ट्रेट अदालत ने भाजपा नेता के खिलाफ कथित रूप से खुलासा नहीं करने को लेकर आपराधिक कार्यवाही के अनुरोध वाली उके की अर्जी बहाल कर दी थी। बम्बई उच्च न्यायालय ने उके की अर्जी खारिज करने वाली निचली अदालत के पूर्ववर्ती आदेश को बरकरार रखा था। यद्यपि उच्चतम न्यायालय ने एक अक्टूबर को मजिस्ट्रेट को उके की ओर से दायर अर्जी पर आगे बढ़ने का निर्देश दिया था।

टॅग्स :देवेंद्र फड़नवीसभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)महाराष्ट्र
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