धर्मांतरण कानून लागू होने के बावजूद झारखंड में बड़े पैमाने पर कराया जा रहा है धर्म परिवर्तन

By एस पी सिन्हा | Published: December 6, 2022 06:06 PM2022-12-06T18:06:48+5:302022-12-06T18:06:48+5:30

राज्य के सुदूर ग्रामीण व आदिवासी इलाकों में ईसाई मिशनरियों द्वारा लोगों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर अवैध मतांतरण का खेल जारी है।

Despite the implementation of the conversion law, conversion is being done on a large scale in Jharkhand | धर्मांतरण कानून लागू होने के बावजूद झारखंड में बड़े पैमाने पर कराया जा रहा है धर्म परिवर्तन

धर्मांतरण कानून लागू होने के बावजूद झारखंड में बड़े पैमाने पर कराया जा रहा है धर्म परिवर्तन

Highlightsराज्य के आदिवासी इलाकों में ईसाई मिशनरियों द्वारा कराया जा रहा है धर्म परिवर्तनकोरोना के समय लॉकडाउन का फायदा उठाकर भी अवैध मतांतरण कराया गया धर्मांतरण के लिए भोले-भाले आदिवासियों को दिया जाता है पैसों का प्रलोभन

रांची: झारखंड में धर्मांतरण कानून लागू होने के बावजूद भोले-भाले आदिवासी परिवारों को बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। राजधानी रांची समेत प्रदेश के अन्‍य हिस्‍सों में मिशन के तहत धर्मांतरण का खेल जारी है। राज्य के सुदूर ग्रामीण व आदिवासी इलाकों में ईसाई मिशनरियों द्वारा लोगों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर अवैध मतांतरण का खेल जारी है।

कोरोना के समय लॉकडाउन का फायदा उठाकर भी अवैध मतांतरण कराया गया। इस विपदा की घड़ी को पास्टरों ने मतांतरण के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया। बताया जाता है धर्मांतरण कराने में जुटे लोग ग्रामीणों से संपर्क बढ़ाने के क्रम में उन्हें तरह-तरह से मदद कर और रुपये-पैसे का लालच देकर उनके बीच पैठ बनाते हैं। पास्टर ग्रामीणों के बीच चावल व अन्य अनाज भी बांटते हैं। 

इसी क्रम में उन्हें प्रार्थना करने चर्च आने के लिए तैयार कर लिया जाता है। फिर लगातार ब्रेन वॉश कर धर्मांतरण करा दिया जाता है। ग्रामीण इलाकों में लोगों को चमत्कार से बीमारी ठीक करने, सारे दुख दूर हो जाने, बच्चों की पढ़ाई की मुफ्त में व्यवस्था करवाने, रुपये तथा रोजगार उपलब्ध कराने के नाम पर धर्मांतरण चल रहा है। ग्रामीण करमा उरांव बताते हैं कि चर्च की ओर से लगातार प्रलोभन और सुविधाओं का लालच दिया जाता है। 

इस जाल में फंसकर कई परिवार धर्मांतरण कर चुके हैं। रांची से सटे अनगड़ा प्रखंड के बैजनाथटाटा गांव में इसी पखवारे हिंदू संगठन के कुछ लोगों ने एक पादरी पर ग्रामीणों का अवैध धर्मांतरण कराने का आरोप लगाते हुए काफी हंगामा किया था। बैजनाथटाटा समेत अनगड़ा प्रखंड के कई गांवों में मिशनरियों ने जमकर अवैध धर्मांतरण कराया है। यहां दर्जनों हिंदू परिवार अब तक मतांतरित हो चुके हैं। ईसाई धर्म अपना चुके सोनाराम बेसरा ने कहा कि प्रलोभन देकर मेरी भतीजी का भी धर्मांतरण कराया गया है। 

वहीं, जनजातीय सुरक्षा मंच के केंद्रीय टोली सदस्य मेघा उरांव बताते हैं कि मिशनरियों ने सुनियोजित और संगठित तरीके से नेटवर्क मार्केटिंग की तर्ज पर अवैध धर्मांतरण के खेल को आगे बढ़ाया है। इसके लिए बाकायदा स्टाफ रखे जाते हैं और उन्हें वेतन व इंसेटिव दिया जाता है। जिनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है उन्हें भी पैसों का लोभ-लालच दिया जाता है। 

गरीबों को एकमुश्त हजारों रुपये मिल जाते हैं तो वे न चाहते हुए भी धर्मांतरण के चंगुल में फंस जाते हैं। ऐसे लोग आसान शिकार होते हैं, जो गरीब व अशिक्षित हैं, अंधविश्वास के बीच जीते हैं तथा इनकी बातों में आ जाते हैं। बीमार लोगों को भी दुख-दर्द दूर करने का छलावा देकर मतांतरण के लिए तैयार कराना आसान होता है। जानकार बताते हैं कि जिन गांवों में हिंदूवादी संगठनों की सक्रियता कम है, वहां धर्मांतरण ज्यादा तेजी से हो रहा है।

Web Title: Despite the implementation of the conversion law, conversion is being done on a large scale in Jharkhand

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