साकेत गोखले की गिरफ्तारी को लेकर डेरेक ओ'ब्रायन ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना, कहा- कोई आश्चर्य नहीं कि सुप्रीम कोर्ट...

By मनाली रस्तोगी | Published: December 9, 2022 10:59 AM2022-12-09T10:59:57+5:302022-12-09T11:01:54+5:30

चुनाव आयोग पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने शुक्रवार को निशाना साधा।

Derek O Brien targets Election Commission over Saket Gokhale | साकेत गोखले की गिरफ्तारी को लेकर डेरेक ओ'ब्रायन ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना, कहा- कोई आश्चर्य नहीं कि सुप्रीम कोर्ट...

साकेत गोखले की गिरफ्तारी को लेकर डेरेक ओ'ब्रायन ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना, कहा- कोई आश्चर्य नहीं कि सुप्रीम कोर्ट...

Highlightsसाकेत गोखले ने आरटीआई के माध्यम से कथित रूप से प्राप्त जानकारी के बारे में एक न्यूज क्लिप ट्वीट किया थाट्वीट में दावा किया गया था कि पुल गिरने के बाद पीएम मोदी की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए थेडेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि भाजपा के मुख्यमंत्री और एक अभिनेता से भाजपा सांसद बने गुजरात चुनाव के दौरान सांप्रदायिक पित्त फैलाया

नई दिल्ली: टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने शुक्रवार को चुनाव आयोग पर निशाना साधा। हाल ही में गुजरात पुलिस ने टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले को मोरबी पुल हादसे के बारे में उनके ट्वीट से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किया था। पुलिस हिरासत पूरी होने के बाद गुरुवार को कोर्ट में पेश किए जाने के बाद गोखले को जमानत मिल गई थी, लेकिन जल्द ही मोरबी पुलिस द्वारा दर्ज एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।

साकेत गोखले ने किया ट्वीट

साकेत गोखले ने आरटीआई के माध्यम से कथित रूप से प्राप्त जानकारी के बारे में एक न्यूज क्लिप ट्वीट किया था जिसमें दावा किया गया था कि पुल गिरने के बाद पीएम मोदी की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। गोखले ने ट्वीट करते हुए लिखा, "आरटीआई से पता चलता है कि मोदी के कुछ घंटों के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसमें से 5.5 करोड़ रुपये विशुद्ध रूप से स्वागत, इवेंट मैनेजमेंट और फोटोग्राफी के लिए थे।"

डेरेक ओ'ब्रायन ने ईसी पर उठाये सवाल

वहीं, टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने ट्वीट करते हुए लिखा, "भाजपा के मुख्यमंत्री और एक अभिनेता से भाजपा सांसद बने गुजरात चुनाव के दौरान सांप्रदायिक पित्त फैलाया। ईसी क्या करता है? देखो। तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले को गुजरात पुलिस द्वारा दायर एक मामले में जमानत मिल गई है और वह हवाईअड्डे जा रहे थे। ईसी क्या करता है? गिरफतार करो उसे। कोई आश्चर्य नहीं कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को कठपुतली समझता है।"

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने खेद व्यक्त किया कि लगातार सरकारों ने ये सुनिश्चित करके ईसीआई की स्वतंत्रता को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है कि 1996 के बाद से किसी भी मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) को चुनाव निकाय का नेतृत्व करने के लिए पूरे छह साल का कार्यकाल नहीं मिला है। एक संविधान पीठ ने टिप्पणी की कि चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति के लिए कानून की अनुपस्थिति के परिणामस्वरूप खतरनाक प्रवृत्ति हुई है।

जस्टिस केएम जोसेफ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, "ये एक बहुत ही परेशान करने वाली प्रवृत्ति है। टीएन शेषन (जो 1990 और 1996 के बीच छह साल के लिए सीईसी थे) के बाद, गिरावट तब शुरू हुई जब किसी भी व्यक्ति को पूर्ण कार्यकाल नहीं दिया गया। सरकार जो कर रही है वह ये है कि क्योंकि उसे जन्म तिथि पता है, वह ये सुनिश्चित करती है कि जिस किसी को भी सीईसी के रूप में नियुक्त किया गया है, उसे उसके पूरे छह साल नहीं मिले...चाहे वह यूपीए (कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार हो या ये सरकार, ये एक प्रवृत्ति रही है।"

बेंच ने कहा, "इस तरह तथाकथित स्वतंत्रता, जो केवल एक जुबानी सेवा है, पूरी तरह से नष्ट हो जाती है...विशेष रूप से उस परेशान करने वाली प्रवृत्ति को देखते हुए जो हमने पाया है...कोई भी उन पर सवाल नहीं उठा सकता है क्योंकि कोई जांच नहीं है। इस तरह संविधान की चुप्पी का फायदा उठाया जा सकता है। न कोई कानून है, न कोई जांच। सभी ने इसे अपने हित में इस्तेमाल किया है...किसी को उठाओ और उसे अत्यधिक छोटा कार्यकाल दो। वह बाध्य है; क्या आपका कहना है...हम ऐसा नहीं कह रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है।"

Web Title: Derek O Brien targets Election Commission over Saket Gokhale

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