यूपी में मदरसा सर्वे पर देवबंद और प्रशासन आमने-सामने, देवबंद ने कहा, "हमारा मदरसा अवैध नहीं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 26, 2022 04:46 PM2022-10-26T16:46:57+5:302022-10-26T16:50:33+5:30
यूपी के सहारपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा मदरसे को अवैध बताये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारा मदरसा पूरी तरह से वैध है, कुछ लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं।
सहारनपुर: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा करवाये जा रहे मदरसों के सर्वे में आज उस समय विवाद पैदा हो गया, जब यूपी के सहारपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद को जिला अल्पसंख्यक विभाग द्वारा अवैध बता दिया गया। प्रशासन के इस फैसले पर गहरी आपत्ति दर्ज करवाते हुए देवबंद के अशरफ उस्मानी ने कहा कि हम यूपी सरकार द्वारा करवाये जा रहे मदरसों के सर्वे के साथ खड़े हैं लेकिन कुछ लोग बदनीयती के कारण देवबंद के मदरसों को अवैध होने की गलत अफवाह फैला रहे हैं, जिसका हम विरोध करते हैं।
अशरफ उस्मानी ने कहा, "यह सर्वे किसी मदरसे को वैध या अवैध घोषित करने के लिए नहीं बल्कि उनका संज्ञान लेने के लिए किया जा रहा है लेकिन कुछ लोगों ने दारुल उलूम देवबंद को अवैध घोषित करने का दुष्प्रचार किया है। राज्य सरकार हमारे साथ खड़ी है।"
Saharanpur, Uttar Pradesh | Survey was done to take cognizance, not to declare any madrasa legal/illegal, but some people have spread propaganda in line with declaring Darul Uloom Deoband illegal. State govt stood with us: Ashraf Usmani, Darul Uloom Deoband (25.10) https://t.co/4FNrDWj6VQpic.twitter.com/U0yCsYBJwp
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 26, 2022
सहारनपुर देवबंद को यह बयान तब जारी करना पड़ा क्योंकि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भरत लाल गोंड ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मदरसा सर्वे के क्रम में कुल 306 अवैध मदरसों की जानकारी प्रशासन को भेजी गई थी। इसमें दारुल उलूम देवबंद का भी एक मदरसा है, जो कि अवैध है और वह मदरसा छात्रवृत्ति सहित अन्य योजनाओं से वंचित है।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सूबे के प्रशासन ने अगस्त में मदरसों का प्रदेशव्यापी सर्वे शुरू किया था। इस सर्वे के दायरे में लगभग कुल 6502 मदरसों में से 5200 मदरसों का सर्वे किया गया था, जिनमें से कई मदरसों को अवैध पाया गया था।
योगी सरकार ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अपील पर मदरसों के सर्वे का आदेश दिया था। एनसीपीसीआर के मुताबिक सूबे के कई मदरसों में यौन शोषण समेत बाल अधिकारों के उल्लंघन के कई मामले पाये गये थे।
प्रदेश में विपक्षी दल की भूमिका निभा रही समाजवादी पार्टी ने इसे अल्पसंख्यक समुदाय के उत्पीड़न से जोड़ते हुए सर्वे पर आपत्ति जताई गई थी, वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन अवैसी ने योगी सरकार के फरमान को मुस्लिम विरोधी बताते हुए उसे 'मिनी एनआरसी एक्सरसाइज' का खिताब दिया था।