कोविड-19 का डेल्टा प्लस स्वरूप अभी तक चिंताजनक नहीं :सरकार

By भाषा | Published: June 15, 2021 09:49 PM2021-06-15T21:49:18+5:302021-06-15T21:49:18+5:30

Delta plus form of Kovid-19 not worrying yet: Government | कोविड-19 का डेल्टा प्लस स्वरूप अभी तक चिंताजनक नहीं :सरकार

कोविड-19 का डेल्टा प्लस स्वरूप अभी तक चिंताजनक नहीं :सरकार

नयी दिल्ली, 15 जून केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस स्वरूप अभी तक चिंताजनक नहीं है और देश में इसकी मौजूदगी का पता लगाना होगा और उस पर नजर रखनी होगी।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने संवाददाताओं से कहा कि डेल्टा प्लस नामक वायरस का नया स्वरूप सामने आया है और यह यूरोप में मार्च महीने से है। कुछ दिन पहले ही इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक हुई।

पॉल ने कहा, ‘‘इसे अभी चिंताजनक प्रकार के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है। चिंता वाला स्वरूप वह होता है जिसमें हमें पता चले कि इसके प्रसार में बढ़ोतरी से मानवता के लिए प्रतिकूल प्रभाव होते हैं। डेल्टा प्लस स्वरूप के बारे में अब तक ऐसा कुछ ज्ञात नहीं है। लेकिन डेल्टा स्वरूप के प्रभाव और बदलाव के बारे में हमारे आईएनएसएसीओजी प्रणाली के माध्यम से वैज्ञानिक तरीके से नजर रखनी होगी। इसका पता लगाना होगा और देश में इसकी मौजूदगी देखनी होगी।’’

आईएनएसएसीओजी भारत में सार्स-सीओवी-2 के जीनोम संबंधी विश्लेषण से जुड़ा संघ है जिसका गठन सरकार ने पिछले साल दिसंबर में किया था।

पॉल ने कहा कि सार्वजनिक रूप से यह बात सामने आई है कि डेल्टा प्लस स्वरूप मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के इस्तेमाल को निष्प्रभावी कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने खुद के व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करना होगा और वायरस को फैलने का अवसर नहीं देना है, भीड़ और पार्टियों को होने से रोकना है, मास्क पहनना है। अगर हम संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ लेते हैं तो कम स्वरूप उत्परिवर्तित होंगे।’’

नोवावैक्स टीके के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव संबंधी आंकड़े उत्साहजनक हैं और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़े भी संकेत देते हैं कि यह सुरक्षित और अत्यंत प्रभावी है। उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत के लिए इस टीके की प्रासंगिकता यह है कि इसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया करेगा।’’

उन्होंने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ने तैयारी कर ली है और ब्रिजिंग ट्रायल चल रहा है जो अग्रिम स्तर पर है। इस अध्ययन के सकारात्मक परिणाम देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे। पॉल ने कहा, ‘‘मुझे यह भी उम्मीद है कि वे बच्चों पर भी परीक्षण शुरू करेंगे जो हम सभी के हित की बात है।’’

टीकाकरण से दुष्प्रभाव की किसी घटना (एईएफआई) के संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में चिकित्सा क्षेत्र की किसी अप्रिय घटना को सीधे टीकाकरण से नहीं जोड़ा जा सकता और मृत्यु के किसी भी मामले में पता लगाने की जरूरत होगी कि वह टीका लगाने के कारण हुई है या किसी अन्य कारण से।

उन्होंने कहा कि देश में जब 23.5 करोड़ लोगों को कोविड टीका लग चुका है तो इनमें से एईएफआई से मृत्यु के मामले महज 0.0002 प्रतिशत हैं यानी 488 मामले हैं और इसका यह मतलब नहीं है कि मृत्यु टीकाकरण से हुई है। कोविड-19 से मृत्यु के मामले दर्ज नहीं होने के संबंध में अग्रवाल ने कहा कि केंद्र ने राज्यों से इस तरह की स्थिति से बचने के लिए ऑडिट करने को कहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मृत्यु के मामले छिपे नहीं रह सकते और बिहार के मामले में यह देखा जा सकता है जिसने जिला स्तर पर विश्लेषण कराया और मौत के मामलों की जानकारी दी। महाराष्ट्र और केरल में भी ऐसा देखा गया।’’

उत्तराखंड में कुंभ मेले में कथित फर्जी कोविड जांच के मामले में उन्होंने कहा कि हरिद्वार के जिलाधिकारी को इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है। जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

देश में कोविड-19 की स्थिति में सुधार का संकेत देते हुए अग्रवाल ने कहा कि सात मई को देश में कोविड-19 के सर्वाधिक मामले आने के बाद से अब रोजाना संक्रमण के मामलों में करीब 85 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है और 20 राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या 5,000 से कम है। महामारी की दूसरी लहर के दौरान 11.62 प्रतिशत मामले 20 साल से कम आयुवर्ग के लोगों में थे, जबकि पहली लहर में ऐसे मामलों की संख्या 11.31 फीसद थी।

उन्होंने कहा कि कोविड के मामलों की सर्वाधिक साप्ताहिक संक्रमण दर 21.4 प्रतिशत रही है, जो 4 से 10 मई के सप्ताह में दर्ज की गयी थी और तब से इस दर में 78 प्रतिशत की तीव्र गिरावट देखी गयी है।

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Web Title: Delta plus form of Kovid-19 not worrying yet: Government

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