जज साहब क्या डीके शिवकुमार "कर्नाटक के लोगों को संबोधित कर सकते हैं", न्यायाधीश ने कहा, "बिल्कुल नहीं!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 4, 2019 07:23 PM2019-09-04T19:23:08+5:302019-09-04T19:23:08+5:30
ईडी की दलीलों का विरोध करते हुए शिवकुमार के वकील ने कहा कांग्रेस नेता से एजेंसी पहले ही 33 घंटों तक पूछताछ कर चुकी है और उनके भाग जाने का कोई खतरा नहीं है।
दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के नेता डी के शिवकुमार को 13 सितंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेजने का बुधवार को आदेश दिया।
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के वकील ने कहा कि जज साहब क्या शिवकुमार "कर्नाटक के लोगों को संबोधित कर सकते हैं"। न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने कहा, "बिल्कुल नहीं!" शिवकुमार को धनशोधन के एक मामले में मंगलवार की रात गिरफ्तार किया गया था। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने ईडी की मांग पर यह आदेश दिया जिसने शिवकुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने संबंधी याचिका दायर की थी।
एजेंसी ने दावा किया था कि वह जांच से कतरा रहे हैं और उसमें सहयोग नहीं कर रहे हैं तथा महत्त्वपूर्ण पद पर रहते हुए उनकी आय में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई। अदालत ने कहा, “आरोपी को 13 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा जाता है।” ईडी की दलीलों का विरोध करते हुए शिवकुमार के वकील ने कहा कांग्रेस नेता से पहले ही 33 घंटों तक पूछताछ की जा चुकी है और उनके भाग जाने का कोई खतरा नहीं है।
अदालत के आदेश सुनाने के बाद शिवकुमार के वकील ने कांग्रेस नेता को उनके समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील करने की इजाजत देने का अनुरोध किया, जो बड़ी संख्या में अदालत के बाहर मौजूद थे। अदालत ने इजाजत देने से इनकार कर दिया और जांच अधिकारी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि शिवकुमार ऐसा न कर पाएं।
हालांकि, उन्होंने शिवकुमार को अदालत कक्ष में ही अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी। ईडी ने शिवकुमार, नयी दिल्ली में कर्नाटक भवन के कर्मचारी हनुमनथैया और अन्य के खिलाफ पिछले साल सितंबर में धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
Congress leader DK Shivakumar’s lawyer made a request in Delhi's Rouse Avenue court; asked the judge if DK Shivakumar can “address the people of Karnataka”. Judge Ajay Kumar Kuhar said “absolutely not!” https://t.co/kLNQgLicFF
— ANI (@ANI) September 4, 2019
ईडी ने धनशोधन मामले में कांग्रेस नेता शिवकुमार की 14 दिन की हिरासत मांगी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत से कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के नेता डी के शिवकुमार की 14 दिन की हिरासत मांगी। धनशोधन के एक मामले में मंगलवार की रात गिरफ्तार किए गए शिवकुमार को विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ के समक्ष पेश किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चिकित्सीय जांच के बाद 57 वर्षीय कांग्रेस नेता को अदालत लाया गया। शिवकुमार के वकीलों - अभिषेक मनु सिंघवी और दायन कृष्णन ने हिरासत में लेकर पूछताछ करने की ईडी की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि वह जांच में शामिल हुए और कभी भागने की कोशिश नहीं की।
उनके वकील ने दावा किया कि शिवकुमार को आज खाना नहीं दिया गया और यह ईडी द्वारा “धीरे-धीरे दी जाने वाली यातना” है। सिंघवी ने कहा कि पुलिस रिमांड अपवाद है और इसे विवेकहीन तरीके से नहीं दिया जा सकता और शिवकुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की याचिका दुराग्रह से भरी हुई है।
वह ईडी की दलीलों का विरोध कर रहे थे जिसने अदालत से कहा कि आय कर की जांच और कई गवाहों के बयानों से शिवकुमार के खिलाफ ‘‘अपराध साबित करने वाले साक्ष्यों” का खुलासा हुआ है। एजेंसी ने दावा किया कि वह जांच से कतराते रहे और उसमें सहयोग नहीं किया तथा महत्त्वपूर्ण पद पर रहते हुए उनकी आय में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई थी।
ईडी ने कहा कि शिवकुमार का आमना-सामना कई दस्तावेजों से कराना होगा और अवैध संपत्तियों के खुलासे के लिए उन्हें हिरासत में लेने की जरूरत है। एजेंसी ने कहा कि शिवकुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है क्योंकि वह कुछ तथ्यों से अवगत हैं तथा उन्होंने जांच को दूसरी दिशा में मोड़ने की कोशिश की। ईडी ने कहा कि धन के स्रोत और कार्य प्रणाली का पता लगाने के लिए शिवकुमार से पूछताछ जरूरी है और छापेमारी के दौरान जब्त की गई नकदी के बारे में वह कुछ नहीं बता सके हैं।
अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल के एम नटराज और अधिवक्ता एन के मट्टा ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और दायन कृष्णन 57 वर्षीय शिवकुमार का पक्ष रख रहे हैं। सिंघवी ने हिरासत में लेकर पूछताछ करने की ईडी की याचिका का यह कह कर विरोध किया कि एजेंसी ने विवेक का इस्तेमाल किये बगैर दलीलें दी हैं, क्योंकि शिवकुमार से पहले ही 33 घंटों तक पूछताछ की जा चुकी है और उनके भागने का कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने तर्क दिया कि ईडी जब तक कुछ चौंकाने वाला नहीं दिखाती, शिवकुमार को उसकी हिरासत में नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वह कभी भागे नहीं हैं। शिवकुमार की ओर से उनकी जमानत के संबंध में भी एक याचिका दायर की गई और कृष्णन समेत उनके अन्य वकीलों ने दलील दी कि पूरा मामला अगस्त 2017 में शुरू हुई आयकर छापेमारी पर आधारित है जिसमें बाद में 13 जून, 2018 को एक शिकायत भी दर्ज की गई। सिंघवी ने कहा, “यह मेरे (शिवकुमार) खिलाफ दायर आरोप-पत्र का आधार है।
रिमांड आवेदन में भी आयकर की बात कही गई है और यह वह अपराध है जिसके संबंध में धनशोधन की बात कही जा रही है।” उन्होंने दलील दी कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शिवकुमार के खिलाफ बन रहे आय कर के मामले की पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी और आय कर कानून के तहत यह अपराध गंभीर नहीं है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री और कनकपुरा सीट से मौजूदा विधायक शिवकुमार मंगलवार को चौथी बार पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष यहां उसके मुख्यालय में पेश हुए थे। कई घंटों की पूछताछ के बाद शिवकुमार को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया।
ईडी ने शिवकुमार, नयी दिल्ली में कर्नाटक भवन के कर्मचारी हनुमनथैया और अन्य के खिलाफ पिछले साल सितंबर में धनशोधन का मामला दर्ज किया था। ईडी ने आयकर विभाग द्वारा कर अपवंचना और हवाला के जरिये करोड़ों रुपये के लेन-देन के आरोपों में बेंगलुरू की विशेष अदालत में शिवकुमार और अन्य के खिलाफ दायर आरोप-पत्र के आधार पर उनके खिलाफ धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत पिछले साल मामला दर्ज किया था।