दिल्ली में दिवाली बाद वायु गुणवत्ता पिछले साल की तुलना में बेहतर रहने की उम्मीद, ये है कारण
By भाषा | Published: October 27, 2019 06:19 AM2019-10-27T06:19:57+5:302019-10-27T06:19:57+5:30
पिछले साल शहर में दिवाली के अगले दिन आठ नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 642 था जो अति गंभीर आपात श्रेणी में दर्ज किया गया। वर्ष 2017 में दिवाली के बाद एक्यूआई 367 थी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को वायु गुणवत्ता बहुत खराब रही तथा दिवाली पर पटाखों के धुंए एवं पड़ोसी राज्यों में पराली जलाये जाने के कारण इसके (वायु गुणवत्ता के) ‘गंभीर’ हो जाने की आशंका है। वायु गुणवत्ता अनुमान एवं अनुसंधान सेवा- सफर के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी की संपूर्ण वायु गुणवत्ता रविवार रात को कुछ समय के लिए ‘गंभीर’ हो जाने की आशंका है लेकिन यह पिछले साल जितनी बुरी नहीं होगी।
पिछले साल शहर में दिवाली के अगले दिन आठ नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 642 था जो अति गंभीर आपात श्रेणी में दर्ज किया गया। वर्ष 2017 में दिवाली के बाद एक्यूआई 367 थी। हर साल दिवाली के आसपास दिल्ली की वायु गुणवत्ता के खतरनाक स्तर तक पहुंच जाने के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय ने पिछले वर्ष पटाखे जलाने पर पाबंदी लगा दी थी और आदेश दिया था कि केवल हरित पटाखे बनाये और बेचे जायें क्योंकि इससे 30 फीसद कम प्रदूषण फैलता है।
लेकिन पर्यावरण अनुकूल पटाखों को विक्रेताओं और खरीददारों से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली क्योंकि उनमें विविधता नहीं थी, स्टॉक सीमित था और दाम अधिक थे। सफर ने कहा कि पटाखों से निकलने वाले धुंए का सर्वाधिक असर रविवार को रात एक से छह बजे तक हो सकता है।
शनिवार को दिल्ली का एक्यूआई 302 था। शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर को अति गंभीर आपात स्थिति की श्रेणी में रखा जाता है।
सफर ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं क्रमिक ढंग से बढ़ रही है और पिछले साल अक्टूबर जैसा ही पैटर्न नजर आ रहा है। उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिकृत पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में निर्माण गतिविधियों पर शनिवार से बुधवार तक शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक प्रतिबंध रहेगा।
उसने इस अवधि के दौरान फरीदाबाद, गुड़गांव, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत और बहादुरगढ़ में बिजली संयंत्रों को छोड़कर कोयला आधारित उद्योग बंद रखने के निर्देश दिए हैं। ईपीसीए के निर्देश पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने उन उद्योगों को शनिवार से बुधवार तक कामकाज बंद रखने का आदेश दिया है जिन्होंने अबतक पाईप वाली प्राकृतिक गैस पद्धति नहीं अपनायी है। केंद्र ने भी हरियाणा और पंजाब को अगले कुछ अहम दिनों के लिए पराली जलाने पर पूरी तरह रोक लगाने को कहा है।