Delhi Violence: श्री श्री रविशंकर ने कपिल मिश्रा पर दिया बड़ा बयान, कहा- दर्द और आवेश में लोग कुछ भी बोलते हैं
By अनुराग आनंद | Published: March 1, 2020 03:48 PM2020-03-01T15:48:37+5:302020-03-01T15:48:37+5:30
श्री श्री रविंशकर ने कहा, ''सब मिलकर रहें और हिंसा करने वालों को दिखा दें कि भारत में अभी भी भाईचारा बरकरार है।'' अपने दौरे में वह हिंसा प्रभावित अलग-अलग लोगों से मिले।
दिल्ली में हिंसा रुकने के बाद अब शांति की कोशिश की जा रही है। हिंसा प्रभावित इलाकों में जल्द से जल्द अमन चैन हो इसके लिए आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर ने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया। इन इलाकों का दौरा कर उन्होंने लोगों से बातचीत की और अफवाहों से दूर रहने की अपील की।
दिल्लीः सीलमपुर पहुंचे श्री श्री रविशंकर ने कपिल मिश्रा के बयान पर कहा, दर्द और आवेश में लोग कुछ भी बोलते हैं, इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। बस हिंसा न हो। #DelhiRiots
श्री श्री रविंशकर ने कहा, ''सब मिलकर रहें और हिंसा करने वालों को दिखा दें कि भारत में अभी भी भाईचारा बरकरार है।'' अपने दौरे में वह हिंसा प्रभावित अलग-अलग लोगों से मिले।
दिल्ली हिंसा का अपडेट ये है-
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में भड़की उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। आज अधिकतर इलाकों में शांति है। पुलिस का दावा है कि हालात सामान्य हैं। पुलिसबल दंगा प्रभावित इलाकों में लगातार फ्लैग मार्च कर रही है। घायलों की संख्या 200 के पार है। हिंसा में कथित भागीदारी को लेकर 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 50 से अधिक प्राथमिकियां दर्ज की हैं। गिरफ्तार सारे लोग स्थानीय हैं। दिल्ली में हिंसा 23 फरवरी की शाम से भड़की थी।
दिल्ली हिंसा पर कांग्रेस सदन में नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है-
कांग्रेस दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों का मामला सोमवार को संसद में पूरे जोरशोर से उठा कर इस मामले में कथित तौर पर दिल्ली पुलिस की नाकामी को जिम्मेदार ठहराते हुए गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करेगी। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरु हो रहा है। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चला था। कांग्रेस के सूत्रों ने रविवार को बताया कि पार्टी, संसद के दोनों सदनों में सोमवार को कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे पर बहस कराने की मांग कर सकती है। इस बीच लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा कि पार्टी दिल्ली के दंगों का मुद्दा संसद में जोरशोर से उठाएगी।
चौधरी ने बताया, ‘‘सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति को बरकरार रखने में पूरी तरह से नाकाम रही है। मुझे लगता है कि दंगा फैलाने वालों और पुलिस अधिकारियों के एक वर्ग की मिलीभगत हो सकती है जिसकी वजह से हुयी भीषण हिंसा ने पूरी दुनिया में हमारी (भारत की) छवि को दागदार बना दिया है। हम सभी के लिए यह गंभीर चिंता का विषय है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग सदन में उठाते रहेंगे।’’ इस बीच राज्यसभा सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि कांग्रेस देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट करने का मुद्दा संसद में उठाने की पुरजोर कोशिश करेगी। सिंघवी ने कहा, ‘‘संसद के भीतर और बाहर विरोध का तरीका, साझा रणनीति का हिस्सा होगा और यह ऐसा विषय नहीं है जिसे सार्वजनिक किया जाए।