कांग्रेस ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुहार लगाई कि वे संविधान में प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार गृहमंत्री अमित शाह को तत्काल बर्खास्त करें.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रपति कोविंद से मिले कांग्रेस के शिष्टमंडल ने ज्ञापन सौंप कर राष्ट्रपति को यह भी स्मरण कराया कि जिस समय दिल्ली जल रही थी उस समय गृह मंत्री अमित शाह का कही अता-पता नहीं था और ना ही उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन किया. गृहमंत्री की लापरवाही और विफलता के कारण राजधानी दिल्ली की सड़कों पर लोग दम तोड़ते रहे.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीडिया के सामने कहा कि आखिर कैसे देश की खुफिया एजेंसियां घटनाओं को भांपने में विफल रही. क्या उन्हें ऐसी कोई सूचना मिली थी जिससे हिंसा को रोका जा सकता था यदि हां तो गृह मंत्री द्वारा ऐसी किसी सूचना पर गृह मंत्री ने संज्ञान क्यों नहीं लिया.
कल के बाद आज फिर कांग्रेस ने दिल्ली में भड़की हिंसा को एक सुनियोजित साजिश बताया. कांग्रेस नेता ने आश्चर्य व्यक्त किया कि जो दिल्ली पुलिस का काम था उसे उच्च न्यायालय को याद दिलाना पड़ रहा है जो केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय और गृह मंत्री के ऊपर एक शर्मनाक दाग है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यह शर्म की बात है कि दिल्ली की सड़कों पर आगजनी और हिंसा भड़कती रही और सरकार मूकदर्शक बनी रही. उन्होंने इसे एक संगठित साजिश बताया. राष्ट्रपति कोविंद ने कांग्रेस नेताओं को भरोसा दिया कि वे इन हालातों का पूरी तरह संज्ञान लेंगे और संविधान के तहत उचित कदम उठाएगें. दरअसल कांग्रेस चाहती है कि राष्ट्रपति मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को अपनी चिंताओं के साथ संदेश भेजें. प्रतिनिधिमंडल में सोनिया गांधी के अलावा मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी, गुलामनबी आजाद, ए,के. एंटोनी,रजनी पाटिल, पी. चिदंबरम सहित पार्टी के तमाम दूसरे नेता शामिल थे.