दिल्ली दंगा: अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को जमानत देने से इनकार किया, कहा- प्रथम दृष्टया आरोप सही
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 12, 2022 07:12 AM2022-04-12T07:12:02+5:302022-04-12T07:13:41+5:30
विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत ने इमाम को राहत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा की साजिश रचने के आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे कथित साजिश से जुड़े एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत ने इमाम को राहत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इमाम के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा की साजिश रचने के आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं।
रावत ने पुलिस की चार्जशीट के आधार पर कहा कि ऐसे कार्य जो भारत की एकता और अखंडता को खतरा पैदा करते हैं और सांप्रदायिक सद्भाव को खराब करते हैं और लोगों के किसी भी वर्ग में हिंसा के परिणामस्वरूप उन्हें घेरने का एहसास कराकर आतंक पैदा करना, एक आतंकवादी कार्य है।
इमाम पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
गौरतलब है कि फरवरी 2020 में सीएए के समर्थकों और उसके विरोधियों के बीच हिंसा नियंत्रण से बाहर हो जाने के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई और 400 से अधिक घायल हो गए।
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)