Delhi Violence Update: केजरीवाल सरकार की बदइंतजामी की खुली पोल, हिंसा पीड़ितों के राहत कैंपों में भरा बारिश का पानी
By अनुराग आनंद | Published: March 7, 2020 08:53 AM2020-03-07T08:53:39+5:302020-03-07T08:55:13+5:30
अरविंद केजरीवाल सरकार की बदइंतजामी का पोल तब खुल गया जब शुक्रवार रात तेज बारिश में कैंपों के अंदर पानी भरने पर लोग रात भर जगे रहे।
दिल्ली हिंसा के बाद प्रभावित लोगों को रहने के लिए कई क्षेत्रों में अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा लोगों के रहने के लिए राहत कैंप लगाए गए थे। इन कैंपों में बड़ी संख्या में वह लोग रह रहे हैं, जिन्होंने अपना घर और परिवार के लोगों को दंगे की आग में खो दिया है। लेकिन, सरकार की बदइंतजामी का पोल तब खुल गया जब शुक्रवार रात तेज बारिश में कैंपों के अंदर पानी भरने पर लोग रात भर जगे रहे। अरविंद केजरीवाल अपने परिवार के साथ घर पर शुक्रवार रात जब आराम से सो रहे होंगे, उसी समय पीड़ितों ने कैंप में पानी भरने की वजह से रात जगकर बिताई है।
सोशल मीडिया पर भी लोगों ने राहत कैंप की तस्वीर को साझा कर केजरीवाल सरकार की आलोचना की है। लोगों ने कहा कि सरकार हिंसा पीड़ितों के लिए कोई बेहतर व्यवस्था का इंतजाम न कर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है।
बता दें कि मुस्तफाबाद के कैंपों में पहले से ही काफी ज्यादा संख्या में हिंसा प्रभावित लोग शरण लिए हुए थे, जिनकी जिंदगी को बारिश ने और मुश्किल बना दिया है। राहत कैंपों के अंदर बारिश का पानी आने से हिंसा पीड़ित न बैठ पा रहे हैं और न ही सो पा रहे हैं। दिल्ली हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने इन लोगों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। इसके बाद से ये लोग मजबूर होकर मुस्तफाबाद के राहत कैंपों में शरण लिए हुए हैं।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में पिछले हफ्ते हुए दंगों के सिलसिले में उसने 600 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। पुलिस ने एक वक्तव्य में कहा कि 683 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से 48 शस्त्र कानून से संबंधित हैं।
इसमें बताया गया कि सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 1,983 लोगों को या तो हिरासत में लिया गया है या फिर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में अमन समिति के साथ अब तक 251 बैठकें हो चुकी हैं।