Delhi Violence: दहशतजदा दिल्ली का दर्द नहीं समझी पुलिस, हिंसा के दौरान मदद के लिए तरसते रहे लोग, सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट
By गुणातीत ओझा | Published: February 29, 2020 02:04 PM2020-02-29T14:04:08+5:302020-02-29T14:22:13+5:30
राजधानी के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुई हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के 'एक्शन' में न रहने को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
दिल्ली हिंसा के दौरान जब लोगों को मदद की सबसे ज्यादा जरूरत थी तब पुलिस ने उनका साथ नहीं दिया। मदद के लिए लोग इमरजेंसी नंबर '100' डायल करते रहे लेकिन पुलिस की तरफ से फोन नहीं उठाया गया। पुलिस का यह लापरवाह रवैया 48 से 72 घंटे तक जारी रहा। उत्तर पूर्वी के हिंसा पीड़ित लोगों ने आपबीती बताते हुए यह दर्द बयां किया है। पुलिस के साथ लोगों को दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र में मोदी सरकार से भी नाराजगी है। लोगों ने कहा दिल्ली सरकार को हिंसा पीड़ितों के साथ खड़ा रहना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, केंद्र को समय पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने चाहिए थे, जो कि नहीं हुआ। टाइम्स नाउ ने सिविल राइट्स ग्रुप(civil rights group) द्वारा उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में किए सर्वे के हवाले से यह रिपोर्ट प्रकाशित की है।
सिविल राइट्स ग्रुप ने दिल्ली पुलिस के रवैये को सामने लाने के लिए हिंसा प्रभावित भजनपुर, चांद बाग, गोकुलपुरी, चमन पार्क, शिव विहार, मुस्तफाबाद, भागीरथी और बृजपुरी के लोगों से बात की थी।
गाजियाबाद के उत्तर पूर्व दिल्ली की सीमा पर रहने वाले लोगों से पुलिस को 300 कॉल मिले
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्व इलाके में भड़की हिंसा के बाद दहशत में आये गाजियाबाद के सीमावर्ती लोगों ने सोमवार से अब तक जिला पुलिस को 300 से अधिक बार एमरजेंसी कॉल किए हैं। पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी । अधिकारियों ने बताया कि हिंसा से प्रभावित कम से कम 50 लोगों को सीमावर्ती क्षेत्र से लेकर जिला पुलिस ने अस्पतालों में भर्ती कराया है । उत्तर पूर्व दिल्ली के साथ सीमा साझा करने वाले गाजियाबाद की पुलिस और प्रशासन क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद से ही सतर्क है । इस हफ्ते के शुरू में भड़की इस सांप्रदायिक हिंसा में अब तक कम से कम 39 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से अधिक घायल हैं । गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने प्रेट्र को बताया, ‘‘पीसीआर (पुलिस नियंत्रण कक्ष) को कम से कम 300 कॉल मिले । सीमावर्ती क्षेत्र के लोग दहशत और डर में हैं और दिल्ली की स्थिति देख कर उन्होंने पुलिस की मदद मांगी थी ।’’ पुलिस सूत्रों ने बताया कि हिंसा में घायल करीब 50 लोगों का इलाज गाजियाबाद में चल रहा है उनमें से कुछ को पुलिस अस्पतालों में लेकर गयी थी।
148 FIR, 630 लोग गिरफ्तार या हिरासत में
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर कुल 148 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं तथा 630 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि फारेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला दलों को बुलाया गया है और अपराध के दृश्यों का फिर से मुआयना किया जा रहा है। इन कुल मामलों में 25 मामले हथियार कानून के तहत दर्ज किए गए हैं। रंधावा ने कहा, ‘‘जांच जारी है और हमनें एएसएल दलों को बुलाया है। हम अपराध के दृश्यों का फिर से मुआयना कर रहे हैं। हमने स्थिति पर काबू पा लिया है और हालात सामान्य हो रहे हैं। अधिकारियों के साथ क्षेत्रों में (बलों) की तैनाती रहेगी। हमने अमन समितियों के साथ करीब 400 बैठकें की हैं।’’ दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा में मृतक संख्या बढ़कर 42 हो गयी है। सांप्रदायिक संघर्षों में 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनके कारण मुख्य रूप से जो क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, उनमें जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा शामिल हैं।