Delhi Violence: दिल्ली हिंसा मामले में CJI ने कहा- हमारी भी कुछ सीमाएं हैं, कोर्ट हिंसा होने के बाद ही कुछ कर सकता है 

By अनुराग आनंद | Published: March 2, 2020 12:04 PM2020-03-02T12:04:45+5:302020-03-02T12:50:51+5:30

सीजेआई एसए बोवड़े ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि लोगों को मरना चाहिए, लेकिन इस तरह का दबाव कोर्ट नहीं संभाल सकता। यह उम्मीदें होती है कि यह अदालत दंगा रोक सकती है।लेकिन ऐसा नहीं है।

Delhi Violence: CJI said in Delhi violence case- We also have some limitations, the court can do something only after violence. | Delhi Violence: दिल्ली हिंसा मामले में CJI ने कहा- हमारी भी कुछ सीमाएं हैं, कोर्ट हिंसा होने के बाद ही कुछ कर सकता है 

दिल्ली हिंसा पर CJI का बयान

Highlightsसीजेआई एसए बोवड़े ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे कि अदालत जिम्मेदार है।दिल्ली हिंसा के मामले में अगली सुनवाई के हाई कोर्ट ने 4 सप्ताह के लिए टाल दिया था।

दिल्ली हिंसा मामले सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में एससी में याचिका दायर की गई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हिंसा और हेट स्पीच को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई, तो कोर्ट ने तय किया कि इन याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई होगी। इसके साथ ही याचिका को स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस एसए बोवड़े ने इस मामले में टिप्पणी भी की है। 

इस मामले में सीजेआई एसए बोवड़े ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि लोगों को मरना चाहिए, लेकिन इस तरह का दबाव कोर्ट नहीं संभाल सकता। यह उम्मीदें होती है कि यह अदालत दंगा रोक सकती है।लेकिन ऐसा नहीं है। सीजेआई ने कहा कि हम केवल हिंसा हो जाने के बाद ही कुछ कर सकते हैं। हम पर एक तरह का दबाव महसूस होता है।

एचटी रिपोर्ट की मानें तो  सीजेआई एसए बोवड़े ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे कि अदालत जिम्मेदार है। हम अखबारों को भी पढ़ते हैं, हम इस मामले को सुनेंगे लेकिन यह समझना होगा कि अदालत घटना के बाद आती है। कोर्ट इसे रोक नहीं सकता है। हम शांति की अपील करते हैं लेकिन हम जानते हैं कि हमारी शक्तियों की सीमाएं हैं। 

दिल्ली हिंसा के मामले में अगली सुनवाई के हाई कोर्ट ने 4 सप्ताह के लिए टाल दिया था-
दिल्ली हिंसा के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में नरेंद्र मोदी सरकार व दिल्ली पुलिस की तरफ से कोर्ट में वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी बात रखी। पूरी बात सुनने के बाद हाई कोर्ट ने दिल्ली हिंसा और हेट स्पीच मामला में  केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दे दिया था। इस तरह से देखा जाए तो कोर्ट ने मामले को तत्काल एक तरह से ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

Delhi violence case: Delhi High Court asks Centre to file a response in the case and lists the matter for April 13 pic.twitter.com/Lg5v2ap5Mz

— ANI (@ANI) February 27, 2020

दरअसल, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस व गृह मंत्रालय से भड़काऊ बयान देने वालों पर कार्रवाई करने के बारे में पूछा था। इसके जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि हमारे पास जहरीले बयान देने वाले नेताओं के सारे वीडियो हैं। लेकिन, इन नेताओं पर एक्शन लेने के लिए यह समय सही नहीं है। 

इसके अलावा, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारे पास इन तीन हेट स्पीच के अलावा कई और हेट स्पीच है, जिसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गई। याचिकाकर्ता ने चुनिंदा सिर्फ तीन वीडियो का हवाला दिया है। एक जनहित याचिका में ऐसा नहीं होता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम हिंसा को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

हाई कोर्ट ने पिछले तीन माह में दिए गए भड़काऊ बयान पर सवाल किया था-
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले तीन माह में दिए गए भड़काऊ बयान पर सवाल किया था। इसके जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि मौजूदा माहौल इस बात के लिए उपयुक्त नहीं है कि हम चुनिंदा तरीके से उन्हीं तीन वीडियो ( बीजेपी नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा की स्पीच) को देखे। हमारे पास और भी ऑडियो और वीडियो क्लिप्स है। अथॉरिटी वीडियो को देख रही है। इसके बाद सही वक्त पर पुलिस कार्रवाई करेगी। 

दिल्ली हिंसा को लेकर सुनवाई करने वाले हाईकोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर का आधी रात तबादला

दिल्ली हिंसा को लेकर सुनवाई करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर का आधी रात तबादला कर दिया गया। उनके तबादले पर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है। राहुल गांधी ने जज के तबादले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए जस्टिस लोया को याद किया है। जस्टिस मुरलीधर का पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में तबादला किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम 12 फरवरी को ही जस्टिस मुरलीधर के तबादले की सिफारिश की थी।

English summary :
Delhi Violence: CJI said in Delhi violence case- We also have some limitations, the court can do something only after violence.


Web Title: Delhi Violence: CJI said in Delhi violence case- We also have some limitations, the court can do something only after violence.

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