तीसरी लहर के लिये जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला, बाल चिकित्सा कार्य बल बनाएगी दिल्ली : केजरीवाल

By भाषा | Published: June 5, 2021 09:13 PM2021-06-05T21:13:22+5:302021-06-05T21:13:22+5:30

Delhi to set up genome sequencing lab, pediatric task force for third wave: Kejriwal | तीसरी लहर के लिये जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला, बाल चिकित्सा कार्य बल बनाएगी दिल्ली : केजरीवाल

तीसरी लहर के लिये जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला, बाल चिकित्सा कार्य बल बनाएगी दिल्ली : केजरीवाल

नयी दिल्ली, पांच जून दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को घोषणा की कि संभावित तीसरी लहर की तैयारियों के मद्देनजर दिल्ली में बाल चिकित्सा कार्य बल, दो जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं के साथ ऑक्सीजन क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस लहर के दौरान एक दिन में संक्रमण के अनुमानित तौर पर 37000 मामले आने को ध्यान में रखकर ये कदम उठाये जा रहे हैं ।

केजरीवाल ने एक डिजिटल ब्रीफिंग में कहा कि सरकार महत्वपूर्ण दवाओं के सुरक्षित भंडारण की सुविधा भी बनाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर के लोगों को निशाना बना रहे विषाणु के स्वरूप की पहचान के लिये लोकनायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल और यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) में दो जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाएं भी बनाई जाएंगी।

सरकार ने एक बयान में कहा कि एलएनजेपी अस्पताल में दो-तीन महीने में जीनोम अनुक्रमण प्रोयगशाला काम करने लगेगी।

उन्होंने कहा, “जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाएं बनाई जा रही हैं…जिससे हमें दिल्ली में आने वाले स्वरूपों के बारे में पता हो, वे पुराने हैं या कोई नया स्वरूप उभरा है और तब हम विशेषज्ञों से पूछ सकते हैं कि हमें क्या ऐहतियात बरतने की जरूरत है।”केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर काम कर रहे विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ दो अलग-अलग बैठकों की अध्यक्षता की। सरकार ने 27 मई को दो समितियों का गठन किया था और शुक्रवार को उनके साथ विस्तृत चर्चा की।

उन्होंने कहा, “विशेषज्ञ कह रहे हैं कि तीसरी लहर आकर रहेगी, लेकिन किसी के पास जानकारी नहीं है कि यह लहर कब आएगी और यह कितनी खतरनाक हो सकती है। यह हमारा दायित्व है कि हम तैयार रहें जिससे अगर तीसरी लहर आती है और बेहद खतरनाक होती है तो सरकार उसके लिये तैयार हो।” दूसरी लहर के चरम के दौरान दिल्ली में 20 अप्रैल को एक दिन में 28 हजार मामले सामने आए थे।

उन्होंने कहा, “इस आंकड़े के आधार पर हम अनुमान लगा रहे हैं कि संक्रमण का अगला चरम कितना ऊंचा होगा। हमारी चर्चा के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे की तीसरी लहर के चरम के दौरान 37 हजार तक मामले सामने आ सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “इसका हालांकि यह मतलब नहीं कि अगर इस आंकड़े से ज्यादा मामले आते हैं तो हम तैयार नहीं होंगे। हम उसके लिये भी तैयार हैं, लेकिन अगर आप 37 हजार मामलों के आधार पर तैयार हैं तो आंकड़े इसके पार भी जाते हैं तो हम तैयार होंगे।”

उन्होंने कहा कि बिस्तरों, आईसीयू वाले बिस्तरों, बच्चों के लिये बिस्तरों, ऑक्सीजन की जरूरत और दवाएं 37 हजार के आंकड़े को ध्यान में रखते हुए जुटाई जाएंगी।

दिल्ली ने हाल में ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना किया था और केजरीवाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के दखल और केंद्र सरकार की सहायता से उन्हें ऑक्सीजन मिला।

उन्होंने कहा कि सरकार 25 ऑक्सीजन टैंकर खरीद रही है और अगले कुछ हफ्तों में 64 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित कर रही है जिससे यह सुनिश्चित हो कि दिल्ली को दूसरी लहर के दौरान जैसे ऑक्सीजन संकट का सामना करना पड़ा वैसा इस बार न हो। उन्होंने कहा, “दिल्ली एक औद्योगिक राज्य नहीं है और उसके पास अपने टैंकर नहीं है, लेकिन तीसरी लहर की तैयारी के लिये हम 25 टैंकर खरीद रहे हैं, जिससे संकट होने पर हमारे पास अपने ऑक्सीजन टैंकर हों।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम एक और ऑक्सीजन संकट की आशंका से निपटने के लिये 420 टन की ऑक्सीजन भंडारण क्षमता विकसित कर रहे हैं। हमने इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड से बात की है और उनसे 150 टन क्षमता के ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र की स्थापना को कहा है, जिसमें उन्होंने 18 महीने का समय लगने की बात कही है।”

अधिकारियों के मुताबिक टैंकरों की क्षमता 350 मीट्रिक टन (एमटी) होगी और वे स्वास्थ्य विभाग द्वारा खरीदे जाएंगे जिससे उत्पादन स्रोत से तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन लेने और शहर के अंदर उसका समय पर वितरण सुनिश्चित हो सके। दिल्ली सरकार इसके अलावा 150 एमटी ऑक्सीजन का उत्पादन और 2000 सिलेंडरों को भरने का इंतजाम भी सुनिश्चित करेगी।

अधिकारियों ने कहा कि पर्याप्त संख्या में सिलेंडर खरीदे जाएंगे जिससे संकट और बिस्तरों के बढ़ने की स्थिति में उचित मात्रा में उनकी उपलब्धता सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि जमाखोरी को रोकने के लिये सिलेंडरों पर ‘क्यूआर कोड’ ट्रैकिंग के जरिये नजर रखी जाएगी।

केजरीवाल ने कहा कि सरकार अलग बाल चिकित्सा कार्यबल का गठन भी कर रही है जो तीसरी लहर के दौरान बच्चों के बचाव के लिये सुझाव देगा। केजरीवाल ने कहा कि उनके परामर्श के आधार पर सरकार आईसीयू, ऑक्सीजन युक्त बिस्तर और बच्चों के लिये खास तौर पर उपकरणों की खरीद करेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार महत्वपूर्ण दवाओं के खराब होने की तारीख (एक्सपायरी डेट) को ध्यान में रखते हुए उनका सुरक्षित भंडारण (बफर स्टॉक) बनाएगी और निजी अस्पतालों को भी ऐसा करने का निर्देश देगी।

उन्होंने कहा, “हम चिकित्सकों और विशेषज्ञों का एक दल बनाएंगे जो यह आकलन करेगा कि कोरोना वायरस के उपचार के लिये किस दवा की जरूरत है। अगर वे हमें किसी खास दवा के उपचार में प्रभावी होने के बारे में बताते हैं तो हम उसे खरीदने की कोशिश करेंगे। अगर वो कहते हैं कि इस दवा से उपचार में फायदा नहीं होगा तो हम लोगों को उसके बारे में जागरुक करेंगे।”

अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आईसीयू बिस्तर बढ़ाए गए हैं। इस साल अप्रैल में जहां 1830 आईसीयू बिस्तर थे उनकी संख्या जून में बढ़कर 3100 कर दी गई है जबकि कोविड बिस्तरों की संख्या इस अवधि में बढ़ाकर 5221 से 7978 की गई है। सरकार ने कई गैर सरकारी संगठनों की मदद से नए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी बनाए हैं।

दिल्ली सरकार ने 27 मई को संभावित तीसरी लहर से निपटने की कार्ययोजना की तैयारी के लिये 13 सदस्यीय एक समिति गठित की थी।

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