दिल्ली दंगे : अदालत ने जेएनयू की छात्रा की याचिका पर तिहाड़ अधीक्षक को उपस्थित होने का निर्देश दिया
By भाषा | Updated: January 22, 2021 21:25 IST2021-01-22T21:25:57+5:302021-01-22T21:25:57+5:30

दिल्ली दंगे : अदालत ने जेएनयू की छात्रा की याचिका पर तिहाड़ अधीक्षक को उपस्थित होने का निर्देश दिया
नयी दिल्ली, 22 जनवरी दिल्ली की एक अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्रा एवं पिंजरा तोड़ समूह की सदस्य देवांगना कलिता की याचिका पर तिहाड़ जेल अधीक्षक को उपस्थित होने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
कलिता ने याचिका के जरिए जेल से अपने वकील को कुछ ‘नोट’ (टिप्पणी) एक बंद लिफाफे में सौंपने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। उन्होंने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में अपने खिलाफ अदालत में दाखिल आरोपपत्र से ‘नोट’ तैयार किये हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने जेल अधीक्षक को विधिक अधिकारी के साथ 23 जनवरी को उपस्थित होने का नोटिस जारी किया।
गौरतलब है कि जेल अधिकारियों ने अर्जी पर अपना जवाब में दाखिल किया, जिसके बाद अदालत के ये निर्देश आये हैं।
जेल अधिकारियों ने अपने जवाब में कहा है कि दिल्ली कारागार नियमों के मुताबिक नोट को आरोपी के वकीलों के पास भेजने से पहले संबद्ध अधिकारियों द्वारा इसकी मंजूरी दी जानी होगी।
इस पर, कलिता की ओर से पेश हुए वकील अदित एस पुजारी ने कहा कि वह जेल नियमों से अवगत हैं लेकिन उनकी मुवक्किल ने अदालत का निर्देश मांगा है क्योंकि ‘नोट’ उनके बचाव के साक्ष्य का हिस्सा है और उन्हें इसे लेकर जेल अधिकारियों पर भरोसा नहीं है।
कलिता पर गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और उनके खिलाफ पिछले साल सितंबर में 1700 पृष्ठों से अधिक का आरोपपत्र दाखिल किया गया था।
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) समर्थकों और इसका विरोध करने वालों के बीच पिछले साल फरवरी में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। इसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 200 अन्य घायल हो गये थे।
पिंजरा तोड़ समूह का गठन 2015 में किया गया था, जिसका उद्देश्य बालिका छात्रावासों और पेइंग गेस्ट आवासों में छात्राओं के लिए पाबंदियां कम करना है।
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