नयी दिल्ली, 10 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे से जुड़े हत्या एवं आपराधिक साजिश के एक मामले में अभियोजन का सामना कर रहे दो व्यक्तियों को जमानत दे दी है।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि आरोपी प्रदीप राय और अमन कश्यप न्यायिक हिरासत में हैं और अभी सुनवाई में अच्छा-खासा वक्त लगेगा।
वैसे इस मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी किये बगैर उच्च न्यायालय ने कहा कि उसकी राय है कि दोनों जमानत के हकदार हैं।
उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि 20,000-20,000 रूपये के निजी बांड और इतनी ही राशि के मुचलके के आधार पर दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा किया जाए।
उसने उन्हें किसी भी सरकारी गवाह को परोक्ष या प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया।
उत्तरपूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाने में दर्ज की गयी प्राथमिकी में इन दोनों ही आरोपियों पर हत्या, दंगा फैलाने, आपराधिक साजिश के आरोप हैं।
इससे पहले निचली अदालत ने यह कहते हुए आरोपियों की जमानत अर्जियां खारिज कर दी थीं कि चश्मदीद गवाह के बयानों को बस इस आधार पर कूड़ेदान में नहीं फेंका जा सकता है कि वे ‘भरोसेमंद गवाह’ नहीं हैं।
पिछले साल उत्तरपूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों एवं विरोधियों के बीच झड़प के बीच 24फरवरी को सांप्रदायिक हिंसा भड़क गयी थी। उसमें 53 लोगों की जान चली गयी थी और करीब 200 लोग घायल हो गये थे।
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