दो दिन के भारत दौरे पर पर आईं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए एक शानदार सलाह दी है। संयोग से मर्केल के इस दौरे के दौरान ही दिल्ली ने प्रदूषण के सबसे खराब स्तर का सामना किया।
मर्केल ने शनिवार को कहा कि दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए डीजल से चलने वाली सभी सरकारी बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसों (बिजली से चलने वाली बसों) के इस्तेमाल की सलाह दी है।
मर्केल ने दी दिल्ली के प्रदूषण से निपटने के लिए खास सलाह
मर्केल ने जर्मनी-भारतीय साझेदारी परियोजनाओं के तहत, भारत में अगले पांच सालों के दौरान ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पर करीब एक अरब यूरो (करीब 8 हजार करोड़ रुपये) खर्च करने का वादा किया।
मर्केल ने कहा, 'हम तमिलनाडु में बस क्षेत्र में सुधार के लिए भी 200 मिलियन यूरो देंगे। जिसने भी दिल्ली में कल का प्रदूषण देखा है उसे डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदलने के लिए बहुत अच्छे तर्क मिलेंगे।'
शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में पिछले दो सालों का सबसे प्रदूषित दिन रहा और कई जगहों पर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 500 के पार पहुंच गया, जिसके बाद यहां हेल्थ इमर्जेंसी घोषित कर दी गई। शनिवार को हालांकि वायु की गुणवत्ता थोड़ी बेहतर हुई और यह इमर्जेंसी स्तर से बाहर आ गई, लेकिन अब भी यहां प्रदूषण 'गंभीर' श्रेणी में है और शहर धुएं और धुंध में डूबा हुआ है।
मर्केल और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दोनों देशों के बीच 5वें अंतर सरकारी परामर्श में हिस्सा लिया और व्यापार, निवेश, क्षेत्रीय सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, रक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आदि में सहयोग के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
शनिवार को एंजेला मर्केल स्वदेश रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली के द्वारका सेक्टर-21 मेट्रो स्टेशन भी जाएंगी।