जामिया हिंसाः पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान को दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 17, 2019 08:55 PM2019-12-17T20:55:27+5:302019-12-17T20:55:27+5:30
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई हिंसा में पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान को दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे राहत के लिये जिन राज्यों में हिंसा की घटनाएं हुईं,वहां के संबंधित उच्च न्यायालयों में जायें।
उच्चतम नयायालय ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक घटनायें और छात्रों के साथ पुलिस की ज्यादतियों के आरोपों की जांच के लिये शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच समिति गठित करने से मंगलवार को इंकार कर दिया।
इस बीच, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई हिंसा में पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान को दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे राहत के लिये जिन राज्यों में हिंसा की घटनाएं हुईं,वहां के संबंधित उच्च न्यायालयों में जायें।
शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय सभी पहलुओं पर गौर करने और दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपों की जांच के लिये समिति गठित कर सकते हैं और वे विरोध के दौरान हुयी गिरफ्तारियां और घायलों के इलाज के बारे में भी आदेश पारित करेंगे।
Delhi Police: Former Congress MLA Asif Khan has been named as an accused in the FIR, for involvement in Jamia Millia Islamia incident that took place on 15 December.
— ANI (@ANI) December 17, 2019
उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हुए प्रदर्शनों के मद्देनजर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में अब तक कुल 113 लोगों को हिरासत में लिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न मंचों पर आपत्तिजनक या भ्रामक पोस्ट डालने के आरोप में गत रविवार से अब तक कुल 18 मुकदमे दर्ज किये गये हैं।
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में अब तक कुल 113 लोगों को हिरासत में लेकर कार्रवाई की जा रही है। इनमें मऊ में सबसे ज्यादा 28 लोगों को पकड़ा गया है। अधिकारी ने बताया कि पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने सभी जिला पुलिस प्रमुखों को ऐसे तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।
पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलों में जोनल/सेक्टर स्कीम लागू करने, सभी जिलों को जोन/सेक्टर में बांटकर हर जगह एक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति करने, सभी जिलों के विद्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों और मदरसों के प्रधानाचार्यों से समन्वय स्थापित कर पुलिस को सहयोग की अपील करने तथा अभिसूचना तंत्र को और अधिक सक्रिय करने के भी आदेश दिये हैं।
एचआरडी मंत्रालय ने जामिया, एमएमयू से हालात के बारे में रिपोर्ट मांगी
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से उनके परिसरों में हुए हिंसक घटनाक्रम पर मंगलवार को रिपोर्ट मांगी और उनसे शांति सुनिश्चित करने के लिए कहा। दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपति मंगलवार को एचआरडी मंत्रालय गए और उन्होंने तथ्य पेश किए।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘दोनों कुलपति आज मंत्रालय आए थे और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। दोनों परिसरों में अब स्थिति सामान्य है और हॉस्टल में रह रहे अधिकतर छात्र घर चले गए हैं क्योंकि अवकाश की घोषणा कर दी गई है। जनवरी में विश्वविद्यालयों के खुलने पर लंबित परीक्षा के नये कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।’’
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने एचआरडी मंत्रालय को सूचित किया कि विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने जामिया के पुस्तकालय में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया। पुलिस रविवार को जामिया और एएमयू के परिसरों में घुसी और संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन को काबू में करने के लिए बल का प्रयोग किया। सूत्र ने कहा, ‘‘एचआरडी मंत्रालय से इस सबंध में अभी तक कोई औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है।’’
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जामिया और एएमयू को छोड़कर 42 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हालात शांतिपूर्ण हैं और परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जा रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि देश में 42 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं और केवल कुछ में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए।