श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे द्वीपीय देश में सत्ता की बागडोर संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे। शुक्रवार को वह दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों में और प्रगाढ़ता लाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विस्तृत बातचीत करेंगे। पिछले सप्ताह भारत ने कहा था कि वह श्रीलंका के नये राष्ट्रपति के साथ काम करने की दिशा में आशान्वित हैं और उम्मीद जताई कि यह सरकार (राजपक्षे सरकार) देश में तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे ने रानिल विक्रमसिंघे के औपचारिक इस्तीफे के बाद गुरुवार को देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। वह नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भाई हैं।
वह अगस्त 2020 में आम चुनाव होने तक कार्यवाहक मंत्रिमंडल के प्रधानमंत्री रहेंगे। महिन्दा राजपक्षे 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। 2018 में वह कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री भी रहे थे। गोटबाया ने बुधवार को तब महिन्दा को प्रधानमंत्री पद के लिए नियुक्त किया जब मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने 16 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में अपने कनिष्ठ सजीत प्रेमदास की हार के बाद पद से इस्तीफा देने की घोषणा की।
इससे पहले, महिन्दा को 26 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। सिरिसेना ने एक विवादास्पद कदम के तहत विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था जिससे देश में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया था।