दिल्ली नगर निगम चुनावः बीजेपी में बदलाव शुरू, 6 जिला अध्यक्ष बदले, आदेश गुप्ता ने लगाई मुहर, देखें लिस्ट
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 14, 2022 06:08 PM2022-11-14T18:08:24+5:302022-11-14T18:09:38+5:30
Delhi Municipal Corporation Election 2022: भाजपा नगर निकायों का एकीकरण किए जाने तक दिल्ली में तीन नगर निगमों में 15 साल तक सत्तारूढ़ रही। साल 2017 में भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस को हराकर 272 वार्डों में से 181 में जीत हासिल की थी।
नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 250 वार्डों में चुनाव होने जा रहा है। आज नामांकन का अंतिम दिन है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा बदलाव किया है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने 13 नवंबर रात 1:00 बजे अपने छह जिला अध्यक्ष बदल डाले। यह नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू हो गई।
चांदनी चौक के नए अध्यक्ष सरदार कुलदील सिंह होंगे। मनोज त्यागी के पास नवीन शाहदरा, दीपक गाबा शाहदरा देखेंगे। आदेश गुप्ता ने कहा कि आजाद सिंह महरौली देखेंगे। सुनील मित्तल के पास उत्तर-पश्चिम और रमेश शोखंदा के पास नजफगढ़ रहेगा।
भारतीय जनता पार्टी, दिल्ली प्रदेश के निम्न जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाती है, यह नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू होंगी।
— Adesh Gupta (@adeshguptabjp) November 13, 2022
सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। pic.twitter.com/rusbQN2vbN
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 4 दिसंबर को होने वाले निकाय चुनावों के लिए 18 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी की है। इससे पहले शनिवार को पार्टी ने 18 सीटों पर नामों को रोक दिया था, जबकि इसने 232 सीटों पर उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के बाद राष्ट्रीय राजधानी में नागरिक वार्डों की कुल संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गई थी। अधिसूचना एमसीडी वार्डों के पुनर्विकास से संबंधित है। चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 नवंबर है और 16 नवंबर को फॉर्म की जांच होगी।
नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 19 नवंबर है। वोटों की गिनती 7 दिसंबर को होगी। भाजपा दिल्ली नगर निगम पर 2007 से ही शासन कर रही है। 2017 के नागरिक निकाय चुनावों में भाजपा ने 270 वार्डों में से 181 पर जीत हासिल की थी। प्रत्याशियों के निधन के कारण दो सीटों पर मतदान नहीं हो सका था। आप ने 48 वार्ड जीते थे जबकि कांग्रेस 27 वार्ड जीतने में सफल रही थी।