बीमार पिता को लीवर दान करना चाहता है नाबालिग बेटा, हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को विचार करने का दिया निर्देश
By विशाल कुमार | Published: September 28, 2021 06:05 PM2021-09-28T18:05:23+5:302021-09-28T18:09:43+5:30
जस्टिस रेखा पल्ली ने सोमवार को आदेश में स्वास्थ सचिव को दो दिनों में फैसला करने का निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान मामले में एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति है और याचिकाकर्ता दो महीने में 18 साल का होने वाला है.
नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट का मानना है कि एक नाबालिग असाधारण चिकित्सा परिस्थितियों में अंग दान कर सकता है जबकि लीवर और पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) ने पहले 17 साल और नौ महीने के लड़के को अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव को कक्षा 12 के एक छात्रा के अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दिया है, जो अपने बीमार पिता को अपने जिगर का एक हिस्सा दान करने के लिए 9 दिसंबर को 18 वर्ष का हो जाएगा.
जस्टिस रेखा पल्ली ने सोमवार को आदेश में स्वास्थ सचिव को दो दिनों में फैसला करने का निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान मामले में एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति है और याचिकाकर्ता दो महीने में 18 साल का होने वाला है.
नाबालिग के पिता लीवर फेल होने के एक एडवांस चरण से पीड़ित हैं और डॉक्टरों ने तत्काल यकृत प्रत्यारोपण की सिफारिश की है.
हालांकि डॉक्टरों ने याचिका के अनुसार, नाबालिग के परिवार के दो अन्य सदस्यों द्वारा चिकित्सा आधार पर दान के लिए किए गए प्रस्तावों को पहले ही खारिज कर दिया है. कोई अन्य विकल्प न होने के कारण, नाबालिग ने स्वयं दान के लिए आवेदन किया था, लेकिन प्राधिकरण समिति ने उसकी उम्र को देखते हुए उसे अनुमति देने से इनकार कर दिया था.