दिल्ली: खाद्यान्न की कमी के कारण 2021-22 में करीब 5 लाख बच्चों को नहीं मिला मिड-डे मील, केंद्र की रिपोर्ट में आया सामने

By विशाल कुमार | Published: June 7, 2022 08:39 AM2022-06-07T08:39:31+5:302022-06-07T08:41:14+5:30

साल 2021-22 में दिल्ली सरकार ने प्राथमिक कक्षाओं में औसतन 7.44 लाख बच्चों और उच्च प्राथमिक कक्षाओं में 5.75 लाख बच्चों को कवर किया, यह दर्शाता है कि लगभग 4.88 लाख बच्चे इस योजना से बाहर रह गए थे।

delhi mid day meal students delhi govt centre | दिल्ली: खाद्यान्न की कमी के कारण 2021-22 में करीब 5 लाख बच्चों को नहीं मिला मिड-डे मील, केंद्र की रिपोर्ट में आया सामने

दिल्ली: खाद्यान्न की कमी के कारण 2021-22 में करीब 5 लाख बच्चों को नहीं मिला मिड-डे मील, केंद्र की रिपोर्ट में आया सामने

Highlightsमहामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों के प्रवेश में भारी उछाल देखने को मिला।साल 2021-22 में दिल्ली सरकार ने प्राथमिक कक्षाओं में औसतन 7.44 लाख बच्चों को मिड-डे मील दिया।दिल्ली सरकार ने उच्च प्राथमिक कक्षाओं में 5.75 लाख बच्चों को कवर किया।

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के दूसरे साल 2021-22 में खाद्यान्न की कमी के कारण 4.88 लाख बच्चे (कुल प्रवेश का करीब 27 फीसदी) मिड-डे मील योजना से बाहर रह गए। केंद्र सरकार के दस्तावेज से यह जानकारी सामने आई है।

बता दें कि, महामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों के प्रवेश में भारी उछाल देखने को मिला, जिसे आर्थिक तंगी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

सालाना मध्याह्न भोजन योजना के लिए कार्य योजना और बजट तय करने वाले कार्यक्रम अनुमोदन बोर्ड (पीएबी) ने कोविड पूर्व समय के दौरान स्कूलों द्वारा पंजीकृत औसत उपस्थिति संख्या के आधार पर 2021-22 के लिए दिल्ली में प्राथमिक कक्षाओं (कक्षा-5 तक) के लिए 6.45 लाख और उच्च प्राथमिक (6-8) स्तर पर 6.39 लाख बच्चों के लिए बजट रखा था।

हालांकि, 9 मई की पीएबी की बैठक के अनुसार, दिल्ली की जीएनसीटी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार) ने बताया कि बच्चों के पीएबी-पीएम पोषण अनुमोदन के विपरित नामांकन में वृद्धि के कारण 5,23,572 बच्चों को योजना के अतिरिक्त लाभ की सूचना दी गई और आगे उल्लेख किया गया कि खाद्यान्न की कमी के कारण सभी नामांकित बच्चों को योजना का लाभ नहीं दिया जा सका।

बैठक में केंद्रीय स्कूल शिक्षा सचिव अनीता करवाल और दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता सहित अन्य लोग शामिल हुए।

पीएबी ने मंत्रालय को इसकी जानकारी देर से दिए जाने पर चिंता जताई और कहा कि अगर दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में इसका प्रस्ताव भेजा होता तो इस कमी को पूरा किया जा सकता था।

हालांकि, दिल्ली सरकार का कहना है कि स्कूल खुलने की अनिश्चितता के कारण वे केवल अंतिम तिमाही में इसकी जानकारी दे सकते थे और उन्होंने ऐसा किया था लेकिन अतिरिक्त खाद्यान्न जारी नहीं किया गया।

इस तरह, साल 2021-22 में दिल्ली सरकार ने प्राथमिक कक्षाओं में औसतन 7.44 लाख बच्चों और उच्च प्राथमिक कक्षाओं में 5.75 लाख बच्चों को कवर किया, यह दर्शाता है कि लगभग 4.88 लाख बच्चे इस योजना से बाहर रह गए थे।

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