दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने लिया फैसला, कोरोना संक्रमण से हुई मौतों की रिपोर्ट देने में देर होने पर अस्पतालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

By भाषा | Published: May 10, 2020 09:27 PM2020-05-10T21:27:23+5:302020-05-10T21:27:23+5:30

उल्लेखनीय है कि शनिवार को कांग्रेस नेता अजय माकन ने केजरीवाल सरकार से (कोविड-19 से होने वाली मौतों पर) और अधिक पारदर्शिता की मांग की थी।

Delhi: Kejriwal government's decision, action will be taken against hospitals for delay in reporting deaths due to corona infection | दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने लिया फैसला, कोरोना संक्रमण से हुई मौतों की रिपोर्ट देने में देर होने पर अस्पतालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

कोरोना वायरस (फाइल फोटो)

Highlightsदिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री से शहर में कोविड-19 से मौतों के बारे में सच्चाई बताने को कहा है।प्रत्येक कोविड-19 अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य संस्थान नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे, जो मृत्यु रिपोर्ट समय पर उपलब्ध कराने को सुनिश्चित करेंगे।

नयी दिल्लीदिल्ली सरकार ने रविवार को अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों को चेतावनी दी कि कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मौतों की रिपोर्ट देने में यदि कोई देर हुई तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, इस सिलसिले में एक मानक संचालन प्रक्रिया भी जारी की। कोविड-19 से होने वाली मौतों की वास्तविक संख्या सामने नहीं आने के आरोपों के बाद दिल्ली सरकार ने यह कदम उठाया है। दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ यह आदेश जारी किया।

एसओपी के तहत सभी कोविड-19 अस्पताल और अन्य संस्थान संक्रमण से होने वाली मौत की रिपोर्ट प्रत्येक दिन शाम पांच बजे तक जिला एवं राज्य निगरानी इकाइयों को ई-मेल करेंगे। आदेश में देव ने कहा कि सरकार के संज्ञान में यह आया है कि सरकारी एवं निजी अस्पताल (कोविड-19 और गैर कोविड-19) कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मौत के बारे में समयबद्ध तरीके से और नियमित रूप से रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं।

इसमें कहा गया है, ‘‘यह पाया गया है कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद मृतकों की मौत की रिपोर्ट ‘मृत्यु ऑडिट कमेटी’ को नहीं भेजी जा रही है, जिसके चलते गलत या विलंब से रिपोर्ट सौंपी जा रही है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘कोविड-19 से होने वाली मौत की पड़ताल करने के लिये मृत्यु ऑडिट कमेटी की रोजाना शाम साढ़े पांच बजे बैठक होगी। कमेटी सभी संबद्ध दस्तावेजों को देखेगी और तर्कसंगत कदम उठाने के बाद कोविड-19 या अन्य कारण से हुई मौत घोषित करेगी।’’

मुख्य सचिव ने कहा, ‘‘अनुपालन नहीं किये जाने को गंभीरता से लिया जाएगा और बगैर कोई नोटिस दिये उल्लंघनकर्ता के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा अन्य संबद्ध कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’ उल्लेखनीय है कि कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे शहर के 10 अस्पतालों के अधिकारियों ने कहा है कि वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या दिल्ली सरकार के बुलेटिन में जारी किये गये आंकड़ों से कहीं अधिक है।

देव ने आदेश में कहा, ‘‘प्रत्येक कोविड-19 अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य संस्थान नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे, जो मृत्यु रिपोर्ट समय पर उपलब्ध कराने को सुनिश्चित करेंगे।’’ आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि यदि इसमें देर हुई तो संबद्ध अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक, मेडिकल निदेशक या नोडल अधिकारी को लिखित में स्पष्टीकरण देना होगा।

उल्लेखनीय है कि शनिवार को कांग्रेस नेता अजय माकन ने केजरीवाल सरकार से (कोविड-19 से होने वाली मौतों पर) और अधिक पारदर्शिता की मांग की, जबकि दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री से शहर में कोविड-19 से मौतों के बारे में सच्चाई बताने को कहा। तिवारी ने यह भी कहा कि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि यह महामारी कितनी प्रचंड है।  

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