दिल्ली: जहांगीरपुरी में बुलडोजर अभियान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची बृंदा करात, कहा- यथा स्थिति के आदेश के बाद भी जारी रहा तोड़-फोड़

By विशाल कुमार | Published: April 21, 2022 09:50 AM2022-04-21T09:50:25+5:302022-04-21T09:54:05+5:30

माकपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद बृंदा करात का कहना है कि वह कल सुबह 10.45 बजे से मौके पर थीं और उन्होंने अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के यथा स्थिति के आदेश के बारे में बताया लेकिन विध्वंस अभियान दोपहर 12.25 बजे तक जारी रहा।

delhi jahangirpuri bulldozer drive brinda karat supreme court | दिल्ली: जहांगीरपुरी में बुलडोजर अभियान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची बृंदा करात, कहा- यथा स्थिति के आदेश के बाद भी जारी रहा तोड़-फोड़

दिल्ली: जहांगीरपुरी में बुलडोजर अभियान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची बृंदा करात, कहा- यथा स्थिति के आदेश के बाद भी जारी रहा तोड़-फोड़

Highlightsकल सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।आदेश के एक घंटे से भी अधिक समय के बाद तक तोड़ फोड़ की कार्रवाई जारी थी।बृंदा करात ने पीड़ितों को मुआवजे की मांग की है।

नई दिल्ली: सांप्रदायिक दंगों का शिकार हुए दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में एनडीएमसी द्वारा चलाए गए अतिक्रमण अभियान को चुनौती देने के लिए माकपा नेता और पर्व राज्यसभा सांसद बृंदा करात ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, करात का कहना है कि वह कल सुबह 10.45 बजे से मौके पर थीं और उन्होंने अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के यथा स्थिति के आदेश के बारे में बताया लेकिन विध्वंस अभियान दोपहर 12.25 बजे तक जारी रहा।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने कहा कि आदेश प्राप्त होने तक अभियान नहीं रुकेगा जबकि पूरे मीडिया में यह खबर आ चुकी थी। करात का कहना है कि बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए और प्रभावित व्यक्तियों को नोटिस दिए बिना विध्वंस अभियान शुरू किया गया है।

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने की आड़ में भेदभावपूर्ण और मनमाने ढंग से तोड़फोड़ अभियान को सांप्रदायिक राजनीतिक योजना के रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है।

याचिका में कहा गया है कि जहांगीर पुरी क्षेत्र में रहने और काम करने वाले लोग आम तौर पर बहुत गरीब और हाशिए पर हैं जो प्रतिवादियों की अवैध अमानवीय कार्रवाई का विरोध करने में असमर्थ हैं।

याचिका में एमडीएमसी के 20 और 21 अप्रैल की विध्वंस कार्रवाई चलाने के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। इसके साथ ही आगे से बिना उचित कानूनी कार्रवाई के अभियान न चलाने और अवैध विध्वंस का शिकार होने वाले पीड़ितों को मुआवजे की मांग की गई है।

बता दें कि, बुधवार सुबह 9 बजे सुबह हुए अतिक्रमण रोधी अभियान के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। हालांकि, इसके बाद भी काफी देर तक अभियान जारी रहा और कई दुकानों ध्वस्त करने के साथ ही बुलडोजर ने मस्जिद के गेट को भी तोड़ दिया। 

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं रुकने पर माकपा नेता बृंदा करात आदेश की कॉपी लेकर मौके पहुंच गईं थीं।

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