इराक में मारे गए 39 भारतीयों की मौत पर केंद्र सरकार पर लापरवाही का आरोप, दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई आज
By भारती द्विवेदी | Published: April 4, 2018 12:59 AM2018-04-04T00:59:47+5:302018-04-04T00:59:47+5:30
विपक्ष ने भी इराक में मारे गए भारतीयों के मुद्दे पर सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली, 4 अप्रैल: इराक के मोसुल में मार गए 39 भारतीयों पर केंद्र सरकार की विफलता को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक आवेदन डाला गया है। जिस पर बुधवार को इस आवेदन पर सुनवाई होनी है। इस सुनवाई के लिए मंगलवार (3 मार्च) को दिल्ली हाई कोर्ट में एक आवेदन डाला गया था। इस आवेदन के मुताबिक केंद्र सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इस पूरे मामले में सरकार की भूमिका पर विस्तृत जांच की मांग की गई है।
An application was today moved in Delhi High Court seeking a detailed investigation into alleged lapses on the part of the Centre in the killings of the 39 Indians in Iraq. The application will come up for hearing tomorrow.
— ANI (@ANI) April 3, 2018
इराक में 39 भारतीयों की मौत को लेकर विपक्ष भी लगातार सरकार के ऊपर सवाल उठा रही है। कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि जब भारतीय मीडिया वहां जाकर रिपोर्ट करके ये कह रही थी कि उन 39 भारतीयों की मौत हो चुकी है, तब सरकार ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया था।
बता दें कि दो मार्च को विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह विशेष विमान से 38 भारतीयों का शव इराक से भारत लाकर उनके परिजनों को सौंपा दिया था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मार्च को मोसुल में मारे गए भारतीयों के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया था। विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह ने मोसुल की उड़ान भरने से पहले बताया था कि एक केस अभी भी पेंडिंग है इसलिए 38 शव की स्वदेश वापस लाए जाएंगे।
इराक से शव लेकर भारत आने के बाद वीके सिंह ने कहा कि 39 भारतीय अवैध रूप से वहां गए थे। उन सभी 39 मारे गए भारतीयों का मिडिल ईस्ट देशों के किसी भी भारतीय दूतावास में कोई रिकॉर्ड नहीं है। इससे ये साफ जाहिर होता है कि ये लोग गैरकानूनी तरीके से किसी ट्रैवल एजेंट के जरिए इराक पहुंचे थे। बता दें कि 11 जून 2014 को इराक के मोसुल से ISIS के आतंकियों ने 80 लोगों का अपहरण किया था। जिसमें से 40 भारतीय और 40 बंगलादेशी थे।