बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली बलात्कार पीड़िता को बिना दस्तावेज के नाबालिग मान लेना बेतुका, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा-वयस्क लड़की भी 12वीं कक्षा में हो सकती है

By भाषा | Published: February 22, 2023 08:17 PM2023-02-22T20:17:26+5:302023-02-22T20:18:56+5:30

2022 में एक लड़की से बलात्कार और डराने-धमकाने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ यहां सुल्तानपुरी पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

Delhi High Court said It is absurd consider rape victim studying class 12th minor without documents adult girl can also be class 12th | बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली बलात्कार पीड़िता को बिना दस्तावेज के नाबालिग मान लेना बेतुका, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा-वयस्क लड़की भी 12वीं कक्षा में हो सकती है

अभियोजक ने अदालत में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा।

Highlightsनवंबर 2022 में शादी करने के बाद दोनों (आरोपी-पीड़िता) खुशी-खुशी साथ रह रहे हैं। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 कैसे लागू की गई है।अभियोजक ने अदालत में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी भी दस्तावेज के नहीं होने पर यह मान लेना बेतुका है कि 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली कथित बलात्कार पीड़िता नाबालिग ही होगी।

पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर बलात्कार के एक मामले को रद्द करने के अनुरोध संबंधी याचिका की सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अभियोजक से पूछा कि इस मामले में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 कैसे लागू की गई है।

इस पर, अभियोजक ने कहा कि चूंकि पीड़िता घटना के समय 12वीं कक्षा में थी इसलिए यह मान लिया गया कि वह अवयस्क होनी चाहिए और इसलिए पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 को लागू किया गया है। अभियोजक द्वारा दी गई दलील को ‘‘बेतुका’’ करार देते हुए, अदालत ने कहा, ‘‘रिकॉर्ड पर किसी भी दस्तावेज के बिना, कोई यह कैसे मान सकता है कि पीड़िता नाबालिग है, यहां तक कि एक वयस्क लड़की भी 12वीं कक्षा में हो सकती है।’’

अभियोजक ने अदालत में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा। अदालत ने याचिका पर नोटिस जारी किया और इसे सात मार्च को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत न्यूनतम 20 साल की सजा का प्रावधान है जिसे आजीवन कारावास या मृत्युदंड तक बढ़ाया जा सकता है।

मौजूदा मामले में, 2022 में एक लड़की से बलात्कार और डराने-धमकाने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ यहां सुल्तानपुरी पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। याचिका में इस आधार पर प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया कि दोनों पक्षों के बीच मामला सुलझ गया है और नवंबर 2022 में शादी करने के बाद दोनों (आरोपी-पीड़िता) खुशी-खुशी साथ रह रहे हैं। 

Web Title: Delhi High Court said It is absurd consider rape victim studying class 12th minor without documents adult girl can also be class 12th

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