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दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा- वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना आप सरकार का दायित्व

By भाषा | Updated: May 22, 2020 20:43 IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा उपयोग में लाई जा रही इमारतों के नजदीक रह रहे वरिष्ठ नागरिकों और अन्य निवासियों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना आप सरकार और नगर निगमों का दायित्व है।

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ठळक मुद्देवरिष्ठ नागरिक, अनिल धल्ला ने अदालत को बताया कि वह अपने आयु वर्ग के पांच अन्य लोगों के साथ रह हैं जिन्हें पहले से अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं और इसलिए वे अपने स्वास्थ्य एवं कुशलता को लेकर चिंतित हैंअदालत ने 28 मई को अगली सुनवाई को उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया।

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा उपयोग में लाई जा रही इमारतों के नजदीक रह रहे वरिष्ठ नागरिकों और अन्य निवासियों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना आप सरकार एवं नगर निगमों का दायित्व है। साथ ही अदालत ने लोगों के भय को समाप्त करने के लिए अधिकारियों को ऐसे इलाकों को संक्रमणमुक्त बनाने का निर्देश दिया। न्यायमू्र्ति आशा मेनन ने एक वरिष्ठ नागरिक की ओर से दायर याचिका पर यह निर्देश दिया। 

बुजुर्ग ने दक्षिणी दिल्ली स्थित अपने निवास के पास एक घर को बंद करने का अनुरोध किया था जिसे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए अतिथि गृह के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है और जो स्वच्छता संबंधी कदमों का कथित तौर पर पालन नहीं कर रहे। वरिष्ठ नागरिक, अनिल धल्ला ने अदालत को बताया कि वह अपने आयु वर्ग के पांच अन्य लोगों के साथ रह हैं जिन्हें पहले से अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं और इसलिए वे अपने स्वास्थ्य एवं कुशलता को लेकर चिंतित हैं क्योंकि अतिथि गृह में रह रहे लोग साफ-सफाई का ध्यान नहीं रख रहे हैं। 

अदालत ने कहा कि किसी को भी “कोविड-19 के अवास्तविक भय के चलते” अपने पड़ोस में रह रहे स्वासथ्य कर्मियों को हटाने के लिए कहने का अधिकार नहीं है लेकिन “प्रतिवादी संख्या 1 (दिल्ली सरकार) और प्रतिवादी संख्या दो (दक्षिणी दिल्ली नगर निगम) ऐसी इमारतों के बगल में रह रहे वरिष्ठ नागरिकों एवं अन्य निवासियों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के अपने दायित्व से बच नहीं सकते जिनमें स्वास्थ्य कर्मी रह रहे हों।” 

अदालत ने उन्हें, “ऐसे इलाकों को स्वच्छ एवं संक्रमण मुक्त बनाने जैसे सभी कदम उठाने के निर्देश दिए जैसा कि निरुद्ध या बफर क्षेत्रों में किया जाता है और साथ ही कहा कि ऐसे अन्य इलाकों में भी प्रोटोकॉल अपनाने चाहिए जहां स्वास्थ्य कर्मी रह रहे हों । इससे उसी इलाके में रह रहे अन्य निवासियों का यह भय दूर होगा कि उन्हें संक्रमण का ज्यादा खतरा हो सकता है।” अदालत ने 28 मई को अगली सुनवाई को उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया।

टॅग्स :दिल्ली हाईकोर्टआम आदमी पार्टीकोरोना वायरस
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