शहरी महानगरों में लोगों की अपनी जीवनशैली, गरीबों का क्या होगा?, सीजेआई सूर्यकांत बोले- वायु प्रदूषण पर गरीब मजदूर सबसे ज्यादा पीड़ित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 15, 2025 12:47 IST2025-12-15T12:46:12+5:302025-12-15T12:47:08+5:30

सोमवार को दिल्ली घनी धुंध की चादर में लिपटी रही, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 498 पर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

delhi fog CJI Suryakant said poor laborers suffer most due air pollution People in urban metropolises their own lifestyle what happen poor | शहरी महानगरों में लोगों की अपनी जीवनशैली, गरीबों का क्या होगा?, सीजेआई सूर्यकांत बोले- वायु प्रदूषण पर गरीब मजदूर सबसे ज्यादा पीड़ित

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Highlightsवायु गुणवत्ता 38 केंद्रों पर ‘गंभीर’ थी।जहांगीरपुरी में एक्यूआई 498 दर्ज किया गया।दो केंद्रों पर यह ‘बेहद खराब’ थी।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बिगड़ते वायु प्रदूषण के स्तर से संबंधित याचिका पर 17 दिसंबर को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति विपुल एम पामचोली की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह की दलीलों पर गौर किया, जो न्याय मित्र के रूप में न्यायालय की सहायता कर रही हैं। सिंह ने कहा कि यद्यपि निवारक उपाय मौजूद हैं, लेकिन मुख्य मुद्दा अधिकारियों द्वारा उपायों का खराब कार्यान्वयन है। सिंह ने कहा कि जब तक यह अदालत कोई निर्देश नहीं देती, अधिकारी पहले से मौजूद प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं। इस पर सीजेआई ने कहा, ‘‘यह मामला बुधवार को तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष आएगा। इस पर सुनवाई होगी।’’

एक अन्य वकील ने बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे से जुड़े एक आवेदन का हवाला देते हुए कहा कि पहले के आदेशों के बावजूद स्कूल बाहरी खेल गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं। न्याय मित्र ने यह भी कहा, ‘‘इस अदालत के आदेश के बावजूद स्कूलों ने इन खेल गतिविधियों को आयोजित करने के तरीके खोज लिए हैं... ये गतिविधियां हो रही हैं।

सीएक्यूएम (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) एक बार फिर इस अदालत के आदेश का हवाला दे रहा है।’’ सीजेआई ने कहा, ‘‘हम समस्या को जानते हैं और हम ऐसे आदेश पारित करेंगे जिनका पालन किया जा सके। कुछ निर्देश ऐसे हैं जिन्हें बलपूर्वक लागू किया जा सकता है। इन शहरी महानगरों में लोगों की अपनी जीवनशैली होती है। लेकिन गरीबों का क्या होगा…...।’’

न्याय मित्र ने कहा कि गरीब मजदूर सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। इससे पहले पीठ ने कहा था कि वायु प्रदूषण के खिलाफ दायर याचिका को ‘‘सामान्य’’ मामला नहीं माना जा सकता, जिसे केवल सर्दियों के महीनों में ही सूचीबद्ध किया जाए। उसने कहा था कि इस समस्या के अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए महीने में दो बार मामले की सुनवाई की जाएगी।

सोमवार को दिल्ली घनी धुंध की चादर में लिपटी रही, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 498 पर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। वायु गुणवत्ता 38 केंद्रों पर ‘गंभीर’ थी, जबकि दो केंद्रों पर यह ‘बेहद खराब’ थी। जहांगीरपुरी में एक्यूआई 498 दर्ज किया गया, जो सभी 40 केंद्रों में सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला केंद्र रहा।

Web Title: delhi fog CJI Suryakant said poor laborers suffer most due air pollution People in urban metropolises their own lifestyle what happen poor

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