दिल्लीः आबकारी घोटाले के बाद CBI ने 1000 बस खरीद-रखरखाव घोटाले में प्राथमिकी दर्ज की, जानें क्या है पूरा मामला

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 21, 2022 21:10 IST2022-08-21T20:08:01+5:302022-08-21T21:10:51+5:30

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति "घोटाला" मामले में दर्ज प्राथमिकी में नामजद आठ निजी व्यक्तियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी

Delhi excise scam CBI registers 1000 buses by Delhi govt 5000 crore preliminary enquiry over allegations irregularities purchase maintenance | दिल्लीः आबकारी घोटाले के बाद CBI ने 1000 बस खरीद-रखरखाव घोटाले में प्राथमिकी दर्ज की, जानें क्या है पूरा मामला

दिल्ली में आप सरकार पर सीबीआई ने नकेल कसना शुरू कर दिया। (file photo)

Highlights1,000 बसों की खरीद व रखरखाव में अनियमितता के आरोपों के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की है।'इंडोस्पिरिट' के एमडी समीर महेंद्रू और हैदराबाद के अरुण रामचंद्र पिल्लई शामिल हैं।मनीष सिसोदिया के तीन "करीबी सहयोगियों" को भी प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।

नई दिल्लीः दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितता के सिलसिले में सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के आवास सहित 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस बीच सीबीआई ने दिल्ली सरकार द्वारा 1,000 बसों की खरीद व रखरखाव में अनियमितता के आरोपों के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की है।

दिल्ली में आप सरकार पर सीबीआई ने नकेल कसना शुरू कर दिया। पहले स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन को ईडी जेल भेज चुकी है। भाजपा नेता और विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में 5000 करोड़ रुपये के बस खरीद-रखरखाव घोटाले में CBI ने प्राथमिकी दर्ज की है। 

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली सरकार द्वारा 1000 लो-फ्लोर बसों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर प्रारंभिक जांच दर्ज की है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के संदर्भ पर जांच दर्ज की गई है।

दिल्ली सरकार ने बस खरीद में भ्रष्टाचार के ‘‘आरोपों’’ का खंडन किया था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर सीबीआई का इस्तेमाल करके उसे ‘‘परेशान’’ करने का आरोप लगाया है। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा बसों की खरीद के वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) में ‘‘भ्रष्टाचार’’ का मामला इस साल मार्च में दिल्ली विधानसभा में भाजपा द्वारा उठाया गया था।

जून में पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने एएमसी में प्रक्रियागत ‘‘खामियां’’ पाई थी और इसे खत्म करने की सिफारिश की थी। अधिकारियों ने कहा कि उपराज्यपाल ने मामले को विचार के लिए गृह मंत्रालय के पास भेजा था। उन्होंने कहा कि शिकायत में आरोपों का पता लगाने के लिए प्रारंभिक जांच पहला कदम है कि क्या वे प्रथमदृष्टया प्राथमिकी के योग्य अपराध का संकेत देते हैं।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति "घोटाला" मामले में दर्ज प्राथमिकी में नामजद आठ निजी व्यक्तियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आबकारी विभाग के तीन पूर्व अधिकारियों सहित प्राथमिकी में नामजद चार लोक सेवकों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी नहीं किया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई को अब तक लोक सेवकों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई है, क्योंकि वे सरकार को सूचित किए बिना देश नहीं छोड़ सकते। एजेंसी ने प्राथमिकी में कुल नौ ''निजी व्यक्तियों'' को आरोपी बनाया है, जिनमें मनोरंजन एवं इवेंट मैनेजमेंट कंपनी 'ओनली मच लाउडर' के पूर्व सीईओ विजय नायर, 'पर्नोड रिकार्ड' के पूर्व कर्मचारी मनोज राय; 'ब्रिंडको स्पिरिट्स' के मालिक अमनदीप ढाल, 'इंडोस्पिरिट' के एमडी समीर महेंद्रू और हैदराबाद के अरुण रामचंद्र पिल्लई शामिल हैं।

(इनपुट एजेंसी)

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