नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य के खिलाफ ईडी द्वारा दायर नेशनल हेराल्ड धन शोधन मामले पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में दायर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के संबंध में अपना आदेश पर फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आदेश सुनाया। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी के धन शोधन के आरोप पर अदालत द्वारा संज्ञान लेने से इनकार करने के बाद कहा कि मोदी सरकार की गैरकानूनी गतिविधियां पूरी तरह उजागर हो गयी हैं।
दिल्ली की एक अदालत ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पांच अन्य के खिलाफ धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि वह अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगा।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि इस मामले में दाखिल आरोपपत्र एक निजी व्यक्ति की शिकायत पर की गई जांच पर आधारित है, न कि किसी मूल अपराध से संबंधित प्राथमिकी पर। उन्होंने कहा कि कानून के तहत इस पर संज्ञान लेना स्वीकार्य नहीं है। आदेश के मुख्य हिस्से को पढ़ते हुए न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है इसलिए ऐसे में गुण-दोष के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय के तर्कों पर विचार करना अभी जल्दबाजी होगी।
प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी, दिवंगत पार्टी नेताओं मोतीलाल वोरा एवं ऑस्कर फर्नांडिस के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ पर आपराधिक साजिश और धनशोधन का आरोप लगाया है।
आरोप है कि उन्होंने ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) की लगभग 2,000 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों का अधिग्रहण किया। यह कंपनी ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार का प्रकाशन करती है। जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि गांधी परिवार की ‘यंग इंडियन’ में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले कथित तौर पर धोखाधड़ी से एजेएल की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया।
निदेशालय ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ दिवंगत पार्टी नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस तथा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ पर साजिश एवं धन शोधन का आरोप लगाया है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने लगभग 2,000 करोड़ रुपये मूल्य की उन संपत्तियों का अधिग्रहण किया।
नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र प्रकाशित करने वाले ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) की हैं। उसने आरोप लगाया कि गांधी परिवार के पास ‘यंग इंडियन’ के 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले एजेएल की संपत्ति को ‘‘धोखाधड़ी से’’ हड़प लिया। आरोप पत्र में सोनिया गांधी और राहुल गांधी, पित्रोदा, दुबे, सुनील भंडारी, ‘यंग इंडियन’ और ‘डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम हैं।