दिल्ली हिंसाः सोनिया गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह से मांगा इस्तीफा, केंद्र सरकार से पूछे पांच सवाल
By सतीश कुमार सिंह | Published: February 26, 2020 01:24 PM2020-02-26T13:24:56+5:302020-02-26T13:46:03+5:30
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बुधवार को यहां एक बैठक हुई जिसमें उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा के बाद के हालात पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। इस बीच, पार्टी ने आज ही दोपहर बाद ''शांति मार्च'' निकालने का फैसला किया है जिसमें कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा को पहले से सुनियोजित षड्यंत्र का नतीजा करार दिया। उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बनती है और ऐसे में उन्हें पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पारित प्रस्ताव पढ़ते हुए सोनिया ने कहा, ''दिल्ली की हिंसा एक सोच-समझा षड्यंत्र है। भाजपा के कई नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर नफरत और भय का माहौल पैदा किया।''
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति सब परिवारों के साथ अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है, जिन्होंने परिवार के सदस्यों को खोया है और वह सब घायलों के बेहतर स्वास्थ्य की कामना करती है। सोनिया ने कहा, ''पूरी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस कार्यसमिति का मानना है कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार, खासतौर से गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। फौरन तौर से जिम्मेदारी लेते हुए गृहमंत्री को अपना इस्तीफा देना चाहिए। ''
उन्होंने यह दावा भी किया, ''दिल्ली के मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार भी शांति तथा सद्भाव बनाए रखने में पूरी तरह से विफल होने के जिम्मेदार हैं। दोनों सरकारों की जिम्मेदारी निभाने में विफलता के कारण देश की राजधानी इस त्रासदी का शिकार बनी है।'' सोनिया ने सीडब्ल्यूसी से पारित प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए सवाल किया, ''पिछले रविवार से देश के गृहमंत्री कहां थे और वो क्या कर रहे थे? पिछले रविवार से दिल्ली के मुख्यमंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? दिल्ली चुनाव के बाद खुफिया एजेंसियों द्वारा क्या जानकारी दी गई और उन पर क्या कार्यवाही हुई?''
#WATCH Live from Delhi via ANI FB: Congress Interim President Sonia Gandhi addresses the media https://t.co/3mo97GEPcVpic.twitter.com/TPuAAsD5ph
— ANI (@ANI) February 26, 2020
उन्होंने यह पूछा, ''रविवार की रात से कितनी पुलिस फोर्स दंगों वाले इलाके में लगाई गई, जब यह साफ था कि दंगे और फैल रहे हैं? जब दिल्ली में हालात बेकाबू हो गए थे और पुलिस का नियंत्रण नहीं बचा था, तो ऐसे में और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को क्यों नहीं बुलाया गया?"
कांग्रेस नेता ने कहा कि सीडब्ल्यूसी लोगों से घृणा की राजनीति को अस्वीकार करने और दरारें भरने के लिए बेहतर कदम उठाने की अपील करती है । सोनिया ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रभावित इलाकों में जाना चाहिए और लोगों के साथ लगातार संवाद करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त बल तैनात किया जाना चाहिए तथा मोहल्लों में शांति समितियों का गठन किया जाना चाहिए । संवाददाता सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
इससे पहले, सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल और कई अन्य नेता शामिल हुए। गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया था। उपद्रवियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर पथराव किया। इन घटनाओं में बुधवार तक कम से कम 22 लोगों की जान चली गई और करीब 200 लोग घायल हो गए।
#WATCH Live from Delhi: Congress Interim President Sonia Gandhi addresses the media https://t.co/GeQbN7rQkR
— ANI (@ANI) February 26, 2020