दिल्ली: सरकारी स्कूलों में कक्षा 10वीं और 12वीं के प्री बोर्ड परीक्षाओं का हुआ एलान, इस तारीख से शुरू होगा एग्जाम
By आजाद खान | Published: November 30, 2022 12:20 PM2022-11-30T12:20:21+5:302022-11-30T12:49:23+5:30
परीक्षा को लेकर शिक्षा निदेशालय ने दिशा-निर्देशों भी जारी किया है। ऐसे में निदेशालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी छात्र को परीक्षा पूरी होने से पहले उत्तर पुस्तिका जमा करने नहीं दी जाएगी और एक कक्षा में केवल 24 छात्रों को ही बैठने की अनुमति होगी।
नई दिल्ली: दिल्ली सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं की परीक्षा दिसंबर में होने वाली है। इसके लिए दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सर्कुलर जारी कर इसकी जानकारी दी है।
यही नहीं सर्कुलर के जरिए शिक्षा निदेशालय ने यह साफ किया है कि यह प्री-बोर्ड परीक्षाएं दो पालियों में होगी। इसके साथ यह भी कहा गया है कि किसी तरह की गड़बड़ी या नियम तोड़ने पर अधिकारियों पर कार्रवाई भी होगी।
जारी दिशा-निर्देशों में क्या कहा गया है
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए प्री-बोर्ड परीक्षाएं 15 दिसंबर से 28 दिसंबर तक होंगी। निदेशालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी छात्र को परीक्षा पूरी होने से पहले उत्तर पुस्तिका जमा करने नहीं दी जाएगी और एक कक्षा में केवल 24 छात्रों को ही बैठने की अनुमति होगी।
सुबह और शाम की पाली में होगी परीक्षा
शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि प्रत्येक कक्षा में एक निरीक्षक हो। सुबह की पाली के लिए प्री-बोर्ड परीक्षा सुबह साढ़े नौ बजे से अपराह्न साढ़े 12 बजे तक और शाम की पाली के लिए अपराह्न दो बजे से शाम पांच बजे तक होगी।
गड़बड़ी पर अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
यही नहीं दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि सभी स्कलों को यह आदेश दिया जाता है कि उन्हें जोनल वितरण केंद्रों से ही प्रश्नपत्र लेने होंगे। इसके साथ यह भी कहा जाता है कि जिला उप शिक्षा अधिकारियों को सीलबंद प्रश्नपत्र लेने के लिए अगर पहुंचने पर देरी होगी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मालूम हो कि अगर कोई स्कूल के अधिकारी पेपर को जल्दी खोलने की भी मांग करता है तो ऐसे में इसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि परीक्षा खत्म होने के बाद अगर कोई प्रश्नपत्र बचता है तो उसे स्कूल को दे दिया जाएगा ताकि बच्चे उसे बाद में इस्तेमाल कर सकते है।