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राजीव गांधी भारत रत्न विवाद पर बोले दिल्ली के विधानसभा अध्यक्ष, राजीव गांधी' शब्द प्रस्ताव का हिस्सा नहीं

By पल्लवी कुमारी | Updated: December 24, 2018 17:51 IST

राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लेने की मांग से इत्तेफाक रखने के सवाल पर सिसोदिया ने कहा ‘‘हमारा ऐसा कोई विचार नहीं है कि राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लिया जाये।’’

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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने संबंधी विवादित प्रस्ताव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) विवादों में घिरती नजर आ रही है। इस मामले पर अब दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा है कि सदन में ऐसा कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है और 'राजीव गांधी' शब्द मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं था। 

गोयल ने न्यूज एजेंसी एएनआई ने बात करते हुए कहा, 'राजीव गांधी शब्द असली प्रस्ताव का हिस्सा नहीं था जो सदन में पेश किया गया था। आप के जरनैल सिंह ने जो कहा वह पारित नहीं हुआ।' पार्टी भले ही प्रस्ताव न पारित करने का दावा कर रही हो लेकिन विधानसभा की कार्यवाही के एक वायरल विडियो में गोयल राजीव गांधी विरोधी प्रस्ताव पास को स्वीकार करते दिख रहे हैं।  

मनीष सिसोदिया ने दी थी सफाई

गौरतलब है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी विवाद पैदा होते देख सफाई दी थी कि उनकी पार्टी राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा में पेश प्रस्ताव में गांधी से भारत रत्न वापस लेने का जिक्र नहीं था। राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लेने की मांग से इत्तेफाक रखने के सवाल पर सिसोदिया ने कहा ‘‘हमारा ऐसा कोई विचार नहीं है कि राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लिया जाये।’’

अलका लांबा से नहीं मांगा गया इस्तीफा

आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दिल्ली विधानसभा से पारित प्रस्ताव में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का ‘भारत रत्न’ सम्मान वापस लेने की मांग का जिक्र नहीं होने का उल्लेख करते हुये शनिवार को कहा कि यह मांग संशोधित प्रस्ताव का हिस्सा थी, जिसे सदन से पारित नहीं किया गया।

सिसोदिया ने इस भ्रम के कारण उपजे विवाद से नाराज पार्टी विधायक अलका लांबा से इस्तीफा मांगे जाने से भी इंकार करते हुये कहा कि ना तो उनसे इस्तीफा मांगा गया है ना ही कोई इस्तीफा हुआ है। 

सिसोदिया ने संवाददाताओं को बताया कि 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिये विधानसभा में पिछले दो दिनों से चल रही चर्चा के दौरान पारित एक प्रस्ताव को लेकर यह विवाद पैदा हुआ था। उन्होंने स्पष्ट किया कि सदन से पारित मूल प्रस्ताव में भारत रत्न सम्मान वापस लेने की बात शामिल नहीं थी। 

 आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा- पूर्व प्रधानमंत्री से जुड़ी मांग का जिक्र नहीं था

प्रस्ताव पारित किये जाने के समय सदन में मौजूद रहे आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि पार्टी विधायक जरनैल सिंह को दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने संबंधी प्रस्ताव पेश करना था। इसी समय आप विधायक सोमनाथ भारती ने विधायकों को वितरित की गयी प्रस्ताव की प्रति पर राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लेने की मांग पेन से लिख कर उक्त प्रति जरनैल सिंह को सदन पटल पर पेश करने के लिये दे दी। 

भारद्वाज ने कहा मूल प्रस्ताव ही सदन से पारित हुआ जिसमें । उन्होंने माना कि भारत रत्न लौटाने की मांग को संशोधित प्रस्ताव का हिस्सा माना जा सकता है, जो कि पारित नहीं किया गया।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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