आटिज्म के साथ कई बच्चों को हाइपर एक्टिविटी और मिर्गी की समस्या, 1872 बच्चों की बीमारी का विश्लेषण, एम्स रिपोर्ट में हुए कई खुलासे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 28, 2022 08:10 PM2022-04-28T20:10:30+5:302022-04-28T20:11:28+5:30
एम्स के पीडियाट्रिक विभाग के न्यूरोलाजी डिविजन की प्रमुख शेफाली गुलाटी ने कहा कि अक्सर कई लोग इसे समझने में भूल कर बैठते हैं।
नई दिल्लीःएम्स में आटिज्म जागरूकता माह का आयोजन किया गया। आटिज्म से पीड़ित 80 प्रतिशत बच्चों को इस बीमारी के साथ-साथ कुछ दूसरे रोग भी होते हैं। बच्चे इससे मिलते-जुलते बीमारी से पीड़ित हैं। एम्स के पीडियाट्रिक विभाग के न्यूरोलाजी डिविजन के चिकित्सकों ने अध्ययन किया है।
एम्स के पीडियाट्रिक विभाग के न्यूरोलाजी डिविजन की प्रमुख शेफाली गुलाटी ने कहा कि अक्सर कई लोग इसे समझने में भूल कर बैठते हैं। गुलाटी ने कहा कि आटिज्म के साथ कई बच्चे को हाइपर एक्टिविटी और मिर्गी जैसी समस्या भी देखने को मिलती है। एम्स में इलाज कराने वाले आटिज्म पीड़ित 1872 बच्चों की बीमारी का विश्लेषण किया गया।
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि आटिज्म व न्यूरो विकास से संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं। कुछ डाटा में यह बात सामने आई है कि भारत में 30 लाख लोग आटिज्म से पीड़ित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या अधिक है। एम्स ने आटिज्म पीड़ित बच्चों की देखभाल और उनकी माता-पिता की मदद के लिए एक पैरेंट्स एडवोकेसी ग्रुप बनाया है।
80 प्रतिशत बच्चों में आटिज्म के अलावा एक से ज्यादा बीमारी, 58 प्रतिशत बच्चों में न्यूरो विकास से संबंधित दूसरी परेशानी और 36 प्रतिशत बच्चों में मानसिक परेशानी देखने को मिली है। आटिज्म पीड़ित बच्चों को हर हाल में बेहतर जांच की जरूरत है।