सेना भर्ती में जाति-धर्म प्रमाण पत्र मांगने के आरोपों पर बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह- ये नियम आजादी से पहले का है, नहीं किया कोई बदलाव
By शिवेंद्र राय | Updated: July 19, 2022 14:04 IST2022-07-19T14:03:16+5:302022-07-19T14:04:59+5:30
सेना भर्ती में मांगे गए आवेदनों में आवेदकों से जाति और धर्म प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराने को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला था। अब रक्षामंत्री ने खुद सामने आकर इस मामले पर स्थिति स्पष्ट की है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन आरोपों को अफवाह बताया है जिसमें कहा गया है कि सरकार ने सेना भर्ती की नई योजना अग्निपथ के तहत नियमों में बदलाव किया है और आवेदकों से जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगे हैं। विपक्ष के इस आरोप पर कि अब अग्निपथ योजना के लिए जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सिर्फ एक अफवाह है। ये व्यवस्था आजादी के पहले से चली आ रही है। पुरानी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पुरानी व्यवस्था को ही जारी रखा गया है। इस मामले में सेना के अधिकारियों की तरफ से भी स्पष्ट किया गया था कि उम्मीदवारों के लिए जाति प्रमाण पत्र जमा करने और यदि आवश्यक हो तो धर्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के नियम हमेशा से मौजूद थे। इस संबंध में अग्निवीर भर्ती योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
This is just a rumour. The earlier system, existing since the pre-independence era, is going on. No change has been made. Old system is being continued: Defence Min Rajnath Singh on allegations by Opposition that caste & religion certificates now being asked for Agnipath scheme https://t.co/fpmu6xDapipic.twitter.com/Cedf7Ow3wQ
— ANI (@ANI) July 19, 2022
क्या है पूरा मामला
दरअसल सेना की नई भर्ती योजना अग्निपथ के तहत मांगे गए आवेदनों में आवेदकों से जाति और धर्म प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराने को कहा गया था। इसी पर विपक्षी दल सरकार को घेरने लगे और आरोप लगाया कि ऐसा पहली बार हो रहा है। इस मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या नरेंद्र मोदी पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को सेना में भर्ती होने के काबिल नहीं मानते? भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। मोदी आपको अग्निवीर बनाना है, या जातिवीर।
मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 19, 2022
क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते?
भारत के इतिहास में पहली बार “सेना भर्ती “ में जाति पूछी जा रही है।
मोदी जी आपको “अग्निवीर” बनाना है या “जातिवीर” pic.twitter.com/fxgBre38Ft
इस मामले में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस मामले पर स्पष्टीकरण दिया और संजय सिंह पर जमकर हमला बोला। संबित पात्रा ने कहा कि भारतीय सेना जाति-धर्म के आधार पर भर्ती नहीं करती। संबित पात्रा ने कहा कि सेना में प्रशासनिक और परिचालन की जरूरतों के लिए जाति और धर्म का ब्यौरा मांगा जाता है। संबित पात्रा ने कहा कि भारतीय सेना सर्वोच्च न्यायालय में पहले ही बता चुकी है कि युद्ध क्षेत्र में किसी सैनिक के शहादत के बाद होने वाले अंतिम कर्मकांड को सही तरीके से निभाने के लिए सेना में ये ब्यौरे मांगे जाते हैं। संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल की पार्टी और संजय सिंह देश को गुमराह करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
Addressing Press Conference at @BJP4India HQ, New Delhi. https://t.co/oHkH3TagFi
— Sambit Patra (@sambitswaraj) July 19, 2022