नई दिल्ली: अनुभवी राजनयिक टी. एस. तिरुमूर्ति को बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थाई प्रतिनिधि नियुक्त किया गया। वह फिलहाल विदेश मंत्रालय में सचिव पद पर कार्यरत हैं। भारतीय विदेश सेवा के 1985 बैच के अधिकारी तिरुमूर्ति न्यूयॉर्क में सैयद अकबरुद्दीन की जगह लेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रह चुके अकबरुद्दीन कई साल से संयुक्त राष्ट्र में देश के स्थाई प्रतिनिधि हैं और उन्होंने इस वैश्विक मंच पर तमाम मुद्दों पर देश का रुख सफलतापूर्वक रखा है। वह जल्दी ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
मंत्रालय ने कहा कि नयी दिल्ली में, विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में आर्थिक संबंधों के सचिव के रूप में काम कर रहे तिरुमूर्ति को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थाई प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है। सरकार ने नम्रता एस. कुमार को स्लोवेनिया में देश का अगला राजदूत नियुक्त किया है जबकि जयदीप मजूमदार को ऑस्ट्रिया में भारत का नया राजदूत बनाया है।
वहीं, मंत्रालय ने मध्य पूर्व देशों कतर और बहरीन में नए राजदूतों की बुधवार को नियुक्ति की है। 1998 बैंच के आईएफएस अधिकारी और विदेश मंत्रालय के सयुंक्त सचिव दीपक मित्तल को कतर का और संयुक्त सचिव पीयूष श्रीवास्तव को बहरीन का नया राजदूत नियुक्त किया गया है। वहीं, वर्तमान में विदेश मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्यरत सेसमैन राजनयिक टी एस त्रिमूर्ति को बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया है।
पूर्व वित्त सचिव राजीव कुमार को बुधवार को सार्वजनिक उपक्रम चयन बोर्ड (पीईएसबी) का प्रमुख नियुक्त किया गया है। सभी सार्वजनिक उपक्रमों में शीर्ष पदों पर नियुक्तियां इसी बोर्ड के माध्यम से होती हैं। झारखंड कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी कुमार इसी साल फरवरी में वित्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने उक्त पद पर तीन साल के लिए कुमार की नियुक्ति को मंजूरी दी है।
कुमार को कपिल देव त्रिपाठी के स्थान पर नियुक्त किया गया है। त्रिपाठी को हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का सचिव नियुक्त किया गया है। पीईएसबी के नए प्रमुख कुमार ने वित्त सचिव रहते हुए बैंकिंग और नौकरशाही में कई बदलाव किए हैं। उन्होंने बेहद मुश्किल हालातों से भी बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्रों को ऊभारा है।
कुमार को सितंबर, 2017 में उस वक्त वित्त मंत्रालय में सचिव का पदभार दिया गया जब भारतीय स्टेट बैंक सहित ज्यादातर सरकार बैंक घाटे में चल रहे थे। केन्द्र सरकार ने उन्हें जुलाई 2019 में वित्त मंत्रालय का सचिव नियुक्त किया। अधिकारियों ने बताया कि अपने कड़े फैसलों के लिए जाने जाने वाले कुमार ने बैंकिंग के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन किए और सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय चार बड़े बैंकों में करने का काम किया। उन्होंने बताया कि कुमार ने केन्द्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच सुलह भी कराई जिसके बाद सरकार को बैंक से 1.76 लाख करोड़ रुपये मिले। अधिकारियों ने बताया कि वित्त मंत्रालय में करीब ढाई साल रहे कुमार ने कई नीतिगत फैसले लिए हैं।