खट्टर के खिलाफ प्राथमिकी संबंधी अर्जी पर संज्ञान लेना है या नहीं, निर्णय दो नवंबर को
By भाषा | Updated: October 28, 2021 20:10 IST2021-10-28T20:10:20+5:302021-10-28T20:10:20+5:30

खट्टर के खिलाफ प्राथमिकी संबंधी अर्जी पर संज्ञान लेना है या नहीं, निर्णय दो नवंबर को
नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर दिल्ली की एक अदालत दो नवंबर को इस पर फैसला करेगी कि इस महीने की शुरुआत में प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ आपराधिक बल प्रयोग को लेकर भाजपा सदस्यों को कथित रूप से उकसाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली याचिका पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने याचिकाकर्ता और अधिवक्ता अमित साहनी की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि पार्टी के किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री और भाजपा सदस्य का एक विवादास्पद वीडियो गत 3 अक्टूबर को चंडीगढ़ में उनके आवास पर रिकॉर्ड किया गया था।
अदालत ने मामले को 2 नवंबर के लिए स्थगित कर दिया, जब वह यह तय करेगी कि मामले की आगे सुनवाई की जाए या नहीं।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि खट्टर ने कथित तौर पर विभिन्न धाराओं के तहत अपराध किया है, जिसमें 153, 153-ए, और 505 शामिल हैं।
याचिका में दावा किया गया कि वीडियो में, मुख्यमंत्री को पार्टी कार्यकर्ताओं को विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ आपराधिक बल प्रयोग करने और ‘‘उत्तर और पश्चिम हरियाणा के हर जिले में 500-600-1,000 स्वयंसेवक बनाने और लाठी, कारावास का सामना करने के लिए तैयार रहने के लिए उकसाते हुए देखा गया।’’
याचिका में अदालत से खट्टर को समन करने और उन्हें कानून के तहत दंडित करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में साथ ही संबंधित पुलिस अधिकारियों को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके जांच करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
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