अपहृत लोजपा नेता का तीन दिन बाद मिला शव, विरोध में लोगों ने सड़क जाम की
By भाषा | Published: May 2, 2021 10:50 PM2021-05-02T22:50:35+5:302021-05-02T22:50:35+5:30
पूर्णिया/पटना,दो मई बिहार के पूर्णिया जिले में केहाट थाना अंतर्गत सर्किट हाउस के नजदीक से गत बृहस्पतिवार को अपहृत लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) नेता अनिल उरांव का शव रविवार को नगर थाना क्षेत्र से बरामद हुआ। इससे नाराज लोगों ने सड़क जाम कर दिया और कथित तौर पर आगजनी व तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने लोजपा के आदिवासी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल उरांव के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।
उन्होंने शोक संदेश में कहा कि दिवंगत अनिल उरांव आदिवासी समुदाय के लोगों के समग्र कल्याण के लिए सदैव तत्पर एवं प्रयत्नशील रहे। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जमुई से सांसद चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उरांव के अपहरण व हत्या की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
उन्होंने कहा कि उरांव के अपहरण होने के बाद से ही परिवार व पार्टी के स्थानीय नेता कटिहार व पूर्णिया पुलिस अधीक्षक के संपर्क में थे ताकि उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके।
चिराग पासवान ने कहा लेकिन परिवार के सभी प्रयासों के बाद भी उरावं को नहीं बचाया जा सका।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 व 2020 के विधानसभा चुनाव में उरावं मनिहारी सीट से लोजपा प्रत्याशी थे।
चिराग ने आरोप लगाया कि हाल के महीनों में बिहार में अपराध बढ़ा है, विभिन्न जिलों से आये दिन हत्या, अपहरण जैसी घटनाएं हो रही है जिससे प्रदेशवासियों में असुरक्षा का भाव है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि प्रदेश के मुखिया होने के नाते ये आप ही की जिम्मेदारी है कि इन आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाये।
चिराग ने प्रदेश में कोविड-19 महामारी की भयावह स्थिति होने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि ऐसे में अगर आप अपराध पर भी नियंत्रण नहीं कर पाए तो प्रदेश वासियों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी।
पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने दोषियों को जल्द पकड़ने का भरोसा दिया।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है।
पुलिस प्रेम प्रसंग समेत जमीनी विवाद के कोण से भी मामले की जांच कर रही है। खबर है कि एक महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
गौरतलब है कि उरांव का 30 अप्रैल को अपहरण कर अपहरणकर्ताओं ने उनके परिजनों से दस लाख रूपये की फिरौती मांगी थी।
इस बीच, उरांव का शव मिलने के बाद नाराज लोगों ने शहरी क्षेत्रों में सड़क जाम कर कथित आगजनी व तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया।
आक्रोशित लोगों ने गुलाब बाग जीरोमाइल से जिला मुख्यालय तक के रास्ते को जाम कर दिया। पूर्णिया कोर्ट स्टेशन परिसर में भी तोड़फोड़ की गई तथा रेल के पटरी पर पाइप रखकर ट्रेन परिचालन को बाधित किया गया।
उरांव के परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस सक्रिय होती तो यह घटना नहीं होती।
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