पटनाः बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए पार्सल बम विस्फोट के मामले में एनआईए की टीम ने मलिक ब्रदर्स को हैदराबाद से गिरफ्तार कर पटना ले आई.
इमरान मलिक और नासिर मलिक का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन के साथ से जुडे होने की बाद सामने आते ही एनआईए ने दोनों को गिरफ्तारी कर लिया था. पटना पहुंचने के बाद गिरफ्तार आरोपी भाइयों को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया. सूत्रों के अनुसार एनआईए ने कोर्ट से दोनों को चार दिन की रिमांड पर ले लिया है.
एनआईए इस अवधि में दोनों भाइयों की दरभंगा ब्लास्ट में भूमिका और उत्तर प्रदेश के शामली से पकडे़ गए सलीम के साथ उनके नेटवर्क के बारे में और गहनता से जांच-पड़ताल करेगी. इसके पहले कड़ी सुरक्षा के बीच पटना एयरपोर्ट से दोनों आरोपितों को ले जाया गया. एनआईए कोर्ट में पेशी से पहले दोनों भाइयों से पटना के एटीएस ऑफिस में करीब पौने तीन घंटे तक पूछताछ की गई.
पटना में ही पूछताछ
बताया जा रहा है रिमांड के दौरान दोनों भाइयों से पटना में ही पूछताछ की जाएगी. 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए पार्सल बम विस्फोट मामले में इमरान मलिक और नासिर मलिक को हाल में हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था. सूत्रों के अनुसार उनके घर से पुलिस को दरभंगा ब्लास्ट में इस्तेमाल किए गए केमिकल बम से सम्बन्धित कुछ चीजें मिली हैं.
पूछताछ में सलीम ने कई राज उगले
पार्सल को बुक करने में इन दोनों भाइयों की भूमिका बताई जा रही है. पता चला है कि ये दोनों कैराना से गिरफ्तार सलीम से आर्डर लेते थे. सूत्रों के अनुसार सलीम से पूछताछ में इस नेटवर्क का पाकिस्तान कनेक्शन भी सामने आ रहा है. एटीएस सलीम से सख्ती के साथ पूछताछ कर रही है. पूछताछ में सलीम ने कई राज उगले हैं.
उम्मीद है कि सलीम के बयान पर कुछ और लोगों के चेहरे बेनकाब हो सकते हैं. सूत्रों के अनुसार सलीम से पूछताछ से एटीएस और एनआईए को कई अहम जानकारियां मिली हैं. पाकिस्तान में रहने वाले आईएसआई के हैंडलर इकबाल काना का भी पता चला है, जो मूलत: शामली का रहने वाला है. इकबाल द्वारा सलीम को पैसे भेजे जाने का भी पता चला है.
हवाला के जरिए 1.60 लाख रुपए मिलने का भी पता चला
सूत्रों के अनुसार सलीम ही वो हैंडलर है, जिसने हैदराबाद में कपडे़ का व्यवसाय करने वाले इमरान और नासिर को इसके लिए तैयार किया. सलीम को हवाला के जरिए 1.60 लाख रुपए मिलने का भी पता चला है. उनसे धमाके बाद बड़ी रकम का वादा किया गया था. सूत्रों के अनुसार आईएसआई के हैंडलर ने इमरान को लिक्विड बम बनाने का वीडियो भेजा था. उसी वीडियो को देखकर बम बनाया गया था.
सूत्रों के अनुसार शामली का रहने वाला सलीम भी पाकिस्तान जा चुका है. उसे आईएसआई और लश्कर के लोगों ने भारत में बडे़ आतंकी हमले के लिए तैयार किया. इसके बाद सलीम शामली लौट आया. उसने इमरान और नासिर से सम्पर्क साधा जो खुद भी शामली का है. बताया जा रहा है कि कामकाज के सिलसिले में वह हैदराबाद शिफ्ट हो गया था.
दोनों युवकों के पिता फौजी हैं
बाद में ये दोनों भाई सलीम से आर्डर लेने लगे. सलीम के कहने और पाकिस्तान से भेजे गए वीडियो के आधार पर दोनों ने पार्सल बम तैयार किया और सिकंदराबाद दरभंगा एक्सप्रेस से सिकंदराबाद से दरभंगा के लिये बुक कर दिया. सूत्रों के अनुसार इमरान ने पार्सल बम की फोटो भेजकर अपने पाकिस्तानी आका को काम हो जाने का सिग्नल भी दिया था. दोनों युवकों के पिता फौजी हैं.
उनका कहना है कि उनके दोनों बेटे भारतीय खुफिया एजेंसी आइबी और रॉ के लिए पाकिस्तान में काम कर चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके बेटे निर्दोष हैं तो उन्हें छोड़ दिया जाए. सूत्रों की मानें तो दोनों का कनेक्शन पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है. एनआइए ने गुरुवार को ही अपने प्रेस नोट में आरोपितों की पेशी पटना स्थित कोर्ट में करने की जानकारी दी थी.
कई डिजिटल उपकरणों की बरामदगी
हालांकि एनआइए दोनों को लेकर गुरुवार की बजाय शुक्रवार को पटना आई. वहीं, गिरफ्तार दोनों आतंकियों के ठिकाने हैदराबाद के हबीब नगर थाना स्थित मल्लेपल्ली में छापेमारी की. ठिकाने की तलाशी दौरान विभिन्न आपत्तिजनक सामग्री के साथ कई डिजिटल उपकरणों की बरामदगी की गई है.
इसमें इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी)बनाने की प्रक्रिया और इसे बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री से संबंधित कई दस्तावेज भी मिले हैं. गिरफ्तार दोनों आतंकी भाई मूल रूप से उत्तरप्रदेश के शामली के निवासी हैं. सूत्रों के अनुसार सलीम ने एनआईए के सामने जो खुलासे किए हैं, उसके बाद कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.
सरकारी संपत्ति को बडे़ पैमाने पर नुकसान पहुंचाना था
आतंकी संगठन भारत में तबाही मचाने के लिए इकबाल काना को संपर्क किया था. इकबाल काना यूपी के शामली का रहने वाला है. दरभंगा में पार्सल बम विस्फोट की जांच में यह साफ हुआ है कि आतंकी चलती ट्रेन में रसायन के साथ इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाकर बड़ा धमाका करना था. जिसमें यात्रियों की जान के साथ-साथ सरकारी संपत्ति को बडे़ पैमाने पर नुकसान पहुंचाना था.
इसी के तहत लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर गिरफ्तार आरोपित मो. नासिर खान ने भाई इमरान मलिक के साथ मिलकर आग लगानेवाली आइईडी बनाई थी. जिसे कपडे के एक पार्सल में पैक किया और लंबी दूरी तय करने वाली सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस में उस पार्सल को सुफियान के नाम से बुक कर दिया.
पार्सल भेजने का मकसद बड़ा खतरनाक था
कहा जा रहा है कि ट्रेन के अंदर पार्सल भेजने का मकसद बड़ा खतरनाक था. यह बिहार को दहलाने की साजिश थी. गनीमत रही कि पार्सल में विस्फोट दरभंगा जंक्शन पर पहुंचने के बाद जिस वक्त हुआ. उस समय स्थ्िातियां ऐसी थीं कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ.
इस घटना में कोई जख्मी नहीं हुआ. एक ट्रेन के पार्सल वैन से भंडार स्थल तक कपड़ों का बंडल ले जाते समय इसमें विस्फोट हुआ था. पार्सल सिकंदराबाद से चलने वाली एक ट्रेन से आया था और विस्फोट के बाद कपडे़ के बंडल में आग लग गई.