नई दिल्ली: शादी में प्रगतिशील नजरिए को दिखाने वाले करवा चौथ विज्ञापन को डाबर कंपनी ने मंगलवार को वापस ले लिया. डाबर को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के साथ ही मध्य प्रदेश के गृहमंत्री से कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी गई थी.
एक संक्षिप्त बयान जारी करते हुए डाबर ने कहा कि फेम का करवा चौथ अभियान सोशल मीडिया हैंडल से वापस ले लिया गया है और हम अनजाने में लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं.
डाबर इंडिया लिमिटेड के उत्पाद फेम क्रीम ब्लीच के विज्ञापन में एक समलैंगिक महिला जोड़े को करवा चौथ मनाते हुए और एक-दूसरे को छलनी से देखते हुए दिखाया गया था.
बता दें कि, सितंबर, 2018 में शीर्ष अदालत ने समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध के दायरे से मुक्त कर दिया था, लेकिन हिंदू विवाह कानून के प्रावधानों के तहत समलैंगिक विवाह को अभी भी अनुमति नहीं दी जा रही है.
वैसे तो सोशल मीडिया डाबर के इस विज्ञापन में प्रगतिशील और समानता के नजरिए को दिखाने की लोगों ने खूब तारीफ की लेकिन उसके साथ ही धर्म और संस्कृति की बात करते हुए लोग आलोचना करने लगे.
सोमवार को मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि मैं इसे बहुत गंभीर विषय मानता हूं. हिंदू धर्म के धार्मिक त्योहारों को लेकर ही इस तरह की क्लीपिंग, विज्ञापन क्यों जारी किए जाते हैं? आज वो इन लेस्बियन को करवा चौथ का व्रत तोड़ते हुए, छलनी में देखते हुए बता रहे हैं. कल को दो लड़कों को ही फेरे लेते हुए दिखा देंगे, शादी करते दिखा देगें. ये आपत्तिजनक है. अभी मैंने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि इसका परीक्षण कराएं और उस कंपनी को इसे हटाने को कहें अन्यथा हम वैधानिक कार्रवाई करेंगे.
कुछ दिन पहले ही दिवाली को जश्न-ए-रिवाज कहने पर फैबइंडिया को भी अपना विज्ञापन वापस लेना पड़ा था. पिछले साल ज्वेलरी ब्रांड तनिष्क और इस साल कपड़ों के ब्रांड मान्यवर को भी भारी आलोचनाओं के बाद अपने विज्ञापन वापस लेने पड़े थे.