Cyrus Mistry Death: टाटा के साथ विवाद, सुर्खियां बने थे साइरस मिस्त्री, टाटा-मिस्त्री वाद में तिथि वार बड़ी घटनाएं के बारे में जानिए...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 4, 2022 05:37 PM2022-09-04T17:37:15+5:302022-09-04T17:38:28+5:30
Cyrus Mistry Death: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र के पालघर में रविवार को हुई एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। वह 54 वर्ष के थे।
मुंबईः टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की रविवार को मुंबई के पास एक सड़क हादसे में मौत हो गई। पालघर पुलिस के मुताबिक मिस्त्री अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे तभी उनकी कार डिवाइडर से जा टकराई। कार में चार लोग सवार थे। मिस्त्री सहित दो की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब मिस्त्री की कार मुंबई से सटे पालघर जिले में एक डिवाइडर से टकरा गई। उस समय मिस्त्री मर्सिडीज कार में अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे। पालघर जिले के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने कहा, ‘‘दुर्घटना अपराह्न लगभग 3.15 बजे हुई। मिस्त्री अहमदाबाद से मुंबई की ओर जा रहे थे। यह हादसा सूर्या नदी पर बने पुल पर हुआ।
Cyrus Mistry, former Chairman of Tata Sons, while travelling from Ahmedabad to Mumbai, died in a road accident after his car hit a divider. 4 people were present in the car; 2 died on spot & 2 were moved to hospital: Palghar police officials pic.twitter.com/nOlhZcKUZA
— ANI (@ANI) September 4, 2022
ऐसा लग रहा है कि यह एक दुर्घटना है।’’ इस हादसे में मिस्त्री के साथ यात्रा कर रहे दो अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनमें कार चालक भी शामिल है। सभी घायलों को गुजरात के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि घायलों से हादसे के बारे में अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश की जाएगी। कासा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि हादसा कासा थाना क्षेत्र में सूर्या नदी पुल पर चरोटी नाका में हुआ। मिस्त्री के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कासा ग्रामीण अस्पताल भेज दिया गया है।
Former Chairman of Tata Sons Cyrus Mistry died in a car crash at around 3pm in Maharashtra's Palghar area. A total of 4 people were there in the vehicle; two, including Cyrus Mistry, died: Palghar Police pic.twitter.com/7sE8PgPUno
— ANI (@ANI) September 4, 2022
उच्चतम न्यायालय ने एनसीएलएटी के 18 दिसम्बर 2019 के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें सायरस मिस्त्री को ‘टाटा समूह’ का दोबारा कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का आदेश दिया गया था। एनसीएलएटी ने अपने आदेश में 100 अरब डॉलर के टाटा समूह में साइरस मिस्त्री मिस्त्री को कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल कर दिया था।
#WATCH | 4 people present inside vehicle that crashed in Maharashtra's Palghar area, leading to the death of ex-Chairman of Tata Sons, Cyrus Mistry & one Jahangir Dinsha Pandol. One Darius Pandole & Anayata Pandole injured: Palghar Police
— ANI (@ANI) September 4, 2022
(Video source: Palghar Dist Info Office) https://t.co/mWOib54hKapic.twitter.com/zNjrN4S0dw
टाटा-मिस्त्री वाद में तिथि वार बड़ी घटनाएंः
24 अक्टूबर 2016- साइरस मिस्त्री टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए गए। रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन बने।
20 दिसंबर 2016- मिस्त्री परिवार द्वारा समर्थित दो निवेश कंपनियां साइरस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लि. और स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट्स कॉरपोरेशन प्राइवेट लि. एनसीएलटी की मुंबई बेंच में गयी। उन्होंने टाटा संस पर अल्पांश शेयरधारकों के उत्पीड़न और कुप्रबंधन का आरोप लगाया। मिस्त्री को बर्खास्त करने की कार्रवाई को चुनौती दी गयी।
12 जनवरी 2017- टाटा संस ने टीसीएस के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक एन. चंद्रशेखरन को चेयरमैन बनाया।
6 फरवरी 2017- मिस्त्री को टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के निदेशक मंडल से भी हटाया गया।
6 मार्च 2017- एनसीएलटी मुंबई ने मिस्त्री परिवार की दो निवेश कंपनियों की अर्जी खारिज की। न्यायाधिकरण ने कहा कि अपीलकर्ता कंपनी में न्यूनमत 10 प्रतिशत मालिकाना हक के मानदंड को पूरा नहीं करता।
17 अप्रैल 2017- एनसीएलटी मुंबई ने दोनों निवेश कंपनियों की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें अल्पांश शेयरधारकों के उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने को लेकर कम-से-कम 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के प्रावधान से छूट देने का आग्रह किया गया था।
27 अप्रैल 2017- ये निवेश कंपनियां अपीलीय न्यायाधिकरण में पहुंचीं ।
21 सितंबर 2017- अपीलीय न्यायाधिकरण ने दोनों निवेश कंपनियों की उत्पीड़न और कुप्रबंधन के खिलाफ मामला दायर करने के लिए न्यूनतम हिस्सेदारी के प्रावधान से छूट देने के आग्रह वाली याचिका स्वीकार कर ली। हालांकि उसने मिस्त्री की दूसरी याचिका को खारिज कर दिया, जिसे एनसीएलटी विचार करने लायक नहीं होने के आधार पर खारिज किया था। अपीलीय न्यायाधिकरण ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ को नोटिस जारी करने और मामले में सुनवाई करने को कहा।
5 अक्टूबर 2017- निवेश कंपनियों ने दिल्ली में एनसीएलटी की प्रधान पीठ से संपर्क कर पक्षपात का हवाला देते हुए मामले को मुंबई से दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह किया।
6 अक्टूबर 2017- एनसीएलटी की प्रधान पीठ ने याचिका खारिज कर दी और दोनों निवेश कंपनियों पर 10 लाख रुपये की लागत का जुर्माना थोपा।
9 जुलाई 2018: एनसीएलटी मुंबई ने मिस्त्री की याचिका खारिज की, जिसमें टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाये जाने को चुनौती दी गयी थी।
3 अगस्त 2018: दोनों निवेश कंपनियां एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण गयीं।
29 अगस्त 2018: अपीलीय न्यायाधिकरण ने साइरस मिस्त्री की याचिका सुनवाई के लिए दाखिल कर ली।
18 दिसंबर 2019: अपीलीय न्यायाधिकरण ने मिस्त्री को टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन बहाल करने का आदेश दिया। मामले में अपील करने के लिये टाटा संस को चार सप्ताह का समय दिया गया।
2 जनवरी 2020: टाटा संस ने एनसीएलएटी के 18 दिसंबर 2019 के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
10 जनवरी: उच्चतम न्यायालय ने एनसीएलएटी के फैसले पर रोक लगाई।
22 सितंबर: उच्चतम न्यायालय ने शापूरजी पलोनजी समूह को टाटा संस में अपने शेयर गिरवी रखने से रोका।
8 दिसंबर: विवाद में अंतिम सुनवाई शुरू।
17 दिसंबर: न्यायालय ने विवाद में फैसला सुरक्षित रखा।
26 मार्च, 2020: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एनसीएलएटी के 18 दिसम्बर 2019 के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें सायरस मिस्त्री को ‘टाटा समूह’ का दोबारा कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का आदेश दिया गया था।
(इनपुट एजेंसी)