खतरनाक तूफान में बदल सकता है चक्रवात फानी, अलर्ट पर एनडीआरएफ, मछुआरों को समुद्र में ना जाने की सलाह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 30, 2019 09:16 AM2019-04-30T09:16:23+5:302019-04-30T09:16:23+5:30
सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और भारतीय तटरक्षक बल को हाई अलर्ट पर रखा है।हिंद महासागर पर दबाव वाला क्षेत्र बढ़ा, चक्रवात में तब्दील होने की आशंका समुद्र में ना जाने की हिदायत दी है।
चक्रवात फानी सोमवार (29 अप्रैल) की शाम और गंभीर हो गया तथा यह ओडिशा तट की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने इस संबंध में हाई अलर्ट जारी किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार (1 मई) तक यह तूफान ‘बेहद खतरनाक चक्रवात’ का रूप ले सकता है।
सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और भारतीय तटरक्षक बल को हाई अलर्ट पर रखा है। सोमवार रात नौ बजे के बुलेटिन में आईएमडी के चक्रवात चेतावनी खंड ने बताया कि अभी यह तूफान श्रीलंका में त्रिनकोमाली से करीब 620 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व और चेन्नई से 700 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व तथा मछलीपट्टनम से 900 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में है। बुलेटिन में यह भी कहा गया कि इसके एक मई की शाम तक उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की आशंका है।
मौसम विभाग ने मछुआरों को
हिंद महासागर पर दबाव वाला क्षेत्र बढ़ा, चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है। जिसके बाद मछुआरों को समुद्र में ना जाने की हिदायत दी है। मौसम विभाग ने कहा, पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर और उससे जुड़े दक्षिणपूर्वी बंगाल की खाड़ी में दबाव वाला क्षेत्र उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ गया है और वह गहरे दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने शनिवा र(27 अप्रैल) को ये जानकारी दी थी कि हिंद महासागर और दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी में बना दबाव वाला क्षेत्र गहरा गया है और यह उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ गया है। विभाग ने कहा था कि इसके अगले 12 घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान और फिर प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है।
मौसम विभाग ने बताया था कि रविवार(28 अप्रैल) को 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवा चल सकती है और दक्षिणपश्चिम बंगाल की खाड़ी पर समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं। उसने बताया कि तमिलनाडु और पुडुचेरी तटों, कोमोरिन इलाके, मन्नार की खाड़ी और केरल के तटों पर 30-40 किमी. प्रति घंटे से 50 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। उसने मौसम की अपनी चेतावनी में कहा, ‘‘मछुआरों को इन इलाकों में ना जाने की सलाह दी गई है।’’ (पीटीआई इनपुट के साथ)