Cyclone Biparjoy: शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपरजॉय’ को लेकर सरकार अलर्ट पर है। आईएमडी के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात ‘बिपरजॉय’ पोरबंदर से 350 किमी, द्वारका से 290 किमी दूरी पर केंद्रभूत है। हमारे पूर्वानुमान के मुताबिक यह 15 जून को शाम के समय तट से टकराएगा जिसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटा तक होगी।
मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि देवभूमि द्वारका में भारी बारिश की आशंका है। कच्छ, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की उम्मीद है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एहतियात के तौर पर 69 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, 33 ट्रेनों को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है, जबकि 27 ट्रेनों को शॉर्ट-ऑरजिनेट किया गया है।
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहिदी ने कहा कि गुजरात में 15 तारीख की शाम चक्रवात का लैंडफॉल होने वाला है, इसके मद्देनज़र NDRF की 18 टीम की तैनाती की गई है, SDRF की 13 टीम मौजूद है। स्थिति को देखते हुए 44,000 से ज़्यााद लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए गए हैं। कंट्रोल रूम सक्रिय है। लोगों से घर पर रहने की अपील है।
बिपरजॉय चक्रवात के मांडवी और नलिया, हॉटस्पॉट हैं। इसके लिए हमने जनता को जागरूक कर दिया है। इसके साथ ही SDRF और NDRF की एक-एक टीम तैनात की गई है जो किसी भी आपात स्थिति में बचाव अभियान चलाएगी। कच्छ में मांडवी समुद्र तट पर चक्रवात के मद्देनज़र सन्नाटा दिख रहा है।
समुद्र के निकट सभी गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है। चक्रवात को लेकर कांडला बंदरगाह पर सभी परिचालन बंद कर दिए गए हैं। कच्छ के कांडला बंदरगाह से ड्रोन वीडियो हैं जहां चक्रवाती तूफान बिपरजोय को लेकर तैयारियां की गई हैं। चक्रवात को लेकर कांडला बंदरगाह पर सभी परिचालन बंद कर दिए गए हैं।
आईएमडी की ओर से साझा की गई अद्यतन जानकारी के अनुसार, ‘‘वीएससीएस (बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान) ‘बिपारजॉय’ अरब सागर के ऊपर उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए 14 जून को तड़के भारतीय समायुनसार ढाई बजे जखाऊ बंदरगाह से लगभग 280 किलोमीटर डब्ल्यूएसडब्ल्यू पर केंद्रित रहा। वीएससीएस के रूप में ही 15 जून की शाम तक यह जखाऊ बंदरगाह (गुजरात) के पास से गुजरेगा।’’
गुजरात सरकार की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, अभी तक समुद्र तट के किनारे रह रहे 37,794 लोगों को निकाला गया है। विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चक्रवात के प्रकोप से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए मंगलवार रात राज्य सरकार के आपातकालीन संचालन केंद्र का दौरा किया।
आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात ‘बिपारजॉय’ से व्यापक क्षति होने की आशंका है और गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि लोगों को निकालने का काम बुधवार को भी जारी रहेगा।
आईएमडी के अनुसार, चक्रवात के 15 जून की शाम को 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच टकराने की संभावना है। सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय हिस्सों, खासकर कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में तेज हवाओं के साथ बेहद भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, चक्रवात के दस्तक देने और कमजोर होने के बाद, इसके उत्तर-पूर्व और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की आशंका है। इस वजह से 15-17 जून तक उत्तर गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होगी।
समुद्र के अशांत होने और आने वाले चक्रवात के कारण क्षेत्र में अत्यधिक भारी वर्षा के मद्देनजर मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को 16 जून तक निलंबित कर दिया गया है और बंदरगाह बंद कर दिए गए हैं। देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 17 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12 दल पूरी तरह से तैयार हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात सरकार के प्रतिनिधियों से मंगलवार को ऑनलाइन बातचीत की थी और उनसे चक्रवात ‘बिपारजॉय’ की तैयारियों के तहत संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने की व्यवस्था करने तथा बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य व पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करने को कहा था।
चक्रवात ‘बिपारजॉय’: हजारों लोगों ने छोड़ा घर
चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ के पाकिस्तान पहुंचने की आशंका के बीच तटीय कस्बों तथा छोटे द्वीपों में रहने वाले हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। तेज हवाओं, बारिश और ऊंची लहरों ने चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के आगमन की आहट दे दी है। ‘बिपारजॉय’ का अर्थ बंगाली भाषा में आपदा है।
इसे ‘बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान’ की श्रेणी में रखा गया है। इसके 140 से लेकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की तेज हवाओं के साथ यहां पहुंचने के आसार हैं। हवाओं की रफ्तार बढ़कर 170 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती हैं।
नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवात के उत्तर की ओर बढ़ते रहने के बाद फिर पूर्व की ओर मुड़ने तथा थट्टा जिले के केटी बंदर और भारत के गुजरात तट के बीच पहुंचने के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार थट्टा, बदीन, सजवल, थारपारकर, कराची, मीरपुर खास, उमरकोट, हैदराबाद, ओरमारा,टांडा अल्लाहया और टांडो मोहम्मद खान में इसका असर दिख सकता है।
सिंध के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, तीन जिलों के सात तालुकों (सरकार द्वारा अनुमानित) में रहने वाले 71,380 लोगों में से 56,985 लोगों को मंगलवार शाम तक निकाला गया। सरकारी स्कूलों और कॉलेजों सहित विभिन्न स्थलों पर 37 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। पाकिस्तानी नौसेना के अनुसार, नौसेनिकों ने शाह बंदर के विभिन्न गांवों से 700 लोगों को निकाला है और समुद्र से 64 मछुआरों को बचाया गया है।