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CUET: झारखंड के राज्यपाल ने केंद्र को लिखा पत्र, कहा- SC-ST छात्र नहीं दे पाएंगे 600 रुपये की फीस, बढ़ेंगे ड्रॉप आउट मामले

By भाषा | Updated: May 22, 2022 06:53 IST

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को लिखे अपने पत्र में राज्यपाल रमेश बैस ने विद्यार्थियों की विभिन्न समस्याओं की ओर माननीय शिक्षा मंत्री का ध्यान आकृष्ट करवाया है और कहा है कि उनकी समस्याओं को देखते हुए वर्तमान सत्र से राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक कार्यक्रम के लिए सीयूईटी को लागू करना संभव प्रतीत नहीं होता है।

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ठळक मुद्देस्नातक के लिए साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा लागू करने की केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।जनजातीय विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए इस वर्ष इसे लागू करने पर पुनर्विचार की अपील की गई।जनजाति और पिछड़े समुदायों की छात्राएं सीयूईटी के लिए आवेदन शुल्क वहन करने की स्थिति में नहीं हैं

रांची: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को पत्र लिखकर सत्र 2022-23 में स्नातक के लिए साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) लागू करने में हो रही कठिनाइयों से अवगत कराया है और केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह जनजातीय विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए इस वर्ष इसे लागू करने पर पुनर्विचार करे।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को लिखे अपने पत्र में राज्यपाल रमेश बैस ने विद्यार्थियों की विभिन्न समस्याओं की ओर माननीय शिक्षा मंत्री का ध्यान आकृष्ट करवाया है और कहा है कि उनकी समस्याओं को देखते हुए वर्तमान सत्र से राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक कार्यक्रम के लिए सीयूईटी को लागू करना संभव प्रतीत नहीं होता है।

राज्यपाल ने अपने पत्र में कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष का एक पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्नातक में नामांकन के लिए शैक्षणिक सत्र 2022-23 से सीयूईटी के कार्यान्वयन के लिए कहा गया, तद्नुसार, राज्य के सभी कुलपतियों के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग को यूजीसी के उक्त दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया।

उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से शैक्षणिक सत्र 2022-23 से स्नातक में विद्यार्थियों के नामांकन के लिए सीयूईटी लागू करने में हो रही कठिनाइयों के संदर्भ में जानकारी मिली है।

विश्वविद्यालयों द्वारा बताया गया है कि झारखंड राज्य के अधिकांश विद्यार्थियों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि बेहतर नहीं हैं। विशेष रूप से जनजाति और पिछड़े समुदायों की छात्राएं सीयूईटी के लिए आवेदन शुल्क (लगभग 500-600), वहन करने की स्थिति में नहीं हैं और इससे ड्रॉप आउट मामलों की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है।

राज्यपाल ने लिखा है कि सीयूईटी परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 22 मई, 2022 है, लेकिन अभी भी परीक्षा के पाठ्यक्रम और परीक्षा के स्वरूप (पैटर्न) के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि वर्तमान परिस्थितयों में इस वर्ष से राज्य में सीयूईटी लागू करने पर केन्द्र सरकार पुनर्विचार करे।

टॅग्स :कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्टएजुकेशनमोदी सरकारधर्मेंद्र प्रधान
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